नई दिल्ली। भारत में इस साल का मॉनसून (जून से सितंबर) औसत से ज्यादा बारिश लेकर आया। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार 3 सितंबर तक देश में 743.1 मिमी बारिश दर्ज हुई, जो लंबे समय के औसत (LPA) 700.7 मिमी से 6.1% अधिक है। देश को कुल मिलाकर LPA का 106% वर्षा मिलने का अनुमान है।
क्षेत्रवार स्थिति देखें तो उत्तर-पश्चिम भारत में 26.7% ज्यादा, मध्य भारत में 8.6% ज्यादा और दक्षिण भारत में 9.3% ज्यादा बारिश हुई। वहीं पूर्वी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में 17.8% कम बारिश दर्ज की गई। बारिश ने जहां फसलों को लाभ पहुंचाया, वहीं भूस्खलन, बाढ़ और तबाही से 500 से ज्यादा मौतें और करोड़ों का नुकसान हुआ।
राज्यवार स्थिति
हिमाचल प्रदेश
जून-सितंबर तक 1200 मिमी+ बारिश, LPA से 30% ज्यादा। 320 मौतें, 23 फ्लैश फ्लड, 19 क्लाउडबर्स्ट, 16 भूस्खलन। 788 सड़कें बंद, NH-3 और NH-5 ध्वस्त। 50000 हेक्टेयर फसल बर्बाद, 5000 करोड़+ का नुकसान।
उत्तराखंड
1000 मिमी+ बारिश, LPA से 25% ज्यादा। 10 मौतें, कई जिलों में बाढ़ और भूस्खलन। 75 सड़कें बंद, देहरादून-टिहरी-नैनीताल में रेड अलर्ट। अनुमानित नुकसान 1000 करोड़ रुपए से अधिक।
जम्मू-कश्मीर
368 मिमी बारिश, LPA से 20% ज्यादा। भूस्खलन और बाढ़ से 34 मौतें। तवी नदी पर ब्रिज ढहा, 100+ सड़कें बंद। नुकसान 2000 करोड़+।
पंजाब
500 मिमी बारिश, LPA से 25% ज्यादा। ब्यास, सतलुज और रावी में बाढ़। 29 मौतें, 1.46 लाख लोग बेघर, 3 लाख एकड़ फसल नष्ट। आर्थिक नुकसान 10000 करोड़ रुपए से अधिक।
मध्य प्रदेश
900 मिमी+ बारिश, LPA से 15% ज्यादा। महानदी कैचमेंट में बाढ़, 50 मौतें, 1 लाख हेक्टेयर फसल नष्ट। 200+ गांव डूबे, अनुमानित नुकसान 3000 करोड़ रुपए।