नई दिल्ली। साल का आखिरी चंद्रग्रहण 7 सितंबर, रविवार को लगने जा रहा है। इसी दिन पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष की भी शुरुआत होगी। ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार का चंद्रग्रहण विशेष महत्व रखता है क्योंकि इसके साथ शनि से जुड़ा एक दुर्लभ संयोग बन रहा है।
शनि देव 13 जुलाई से कुंभ राशि में वक्री हैं और 28 नवंबर तक इसी स्थिति में रहेंगे। खास बात यह है कि 7 सितंबर को लगने वाला चंद्रग्रहण भी कुंभ राशि में ही होगा, जो शनि की स्वामित्व वाली राशि मानी जाती है।
राशियों पर प्रभाव
ज्योतिष विशेषज्ञों का मानना है कि यह संयोग कई राशियों के लिए लाभकारी साबित होगा।
- वृश्चिक राशि: वेतन वृद्धि और आर्थिक लाभ के योग। अधूरे काम पूरे होंगे और अचानक धन लाभ की संभावना है।
- मीन राशि: पदोन्नति, प्रतिष्ठा में वृद्धि और कार्यों में सफलता के संकेत। शिक्षा व प्रतियोगी परीक्षाओं में तरक्की और नौकरीपेशा जातकों को लाभ मिलेगा।
इस प्रकार, शनि वक्री और चंद्रग्रहण का यह संयोग व्यापार, करियर और आर्थिक क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम ला सकता है।
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