“जब इंसानियत सबसे बड़ा धर्म बन जाती है…”मुस्लिम बेटी ने संत प्रेमानंद महाराज को किडनी दान करने की पेशकश की


नरसिंहपुर की 26 वर्षीय मेहनाज खान ने जब सोशल मीडिया पर पढ़ा कि संत प्रेमानंद महाराज किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, तो उनके दिल में बस एक ही ख्याल आया—“अगर मैं मदद कर सकती हूँ, तो क्यों न करूँ?” यही सोच उन्हें एक ऐसे फैसले तक ले गई जिसने पूरे समाज को चौंका दिया।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की ब्रांड एंबेसडर मेहनाज ने बिना किसी डर या हिचक के ऐलान कर दिया कि वे महाराज को अपनी एक किडनी दान करेंगी। उनके शब्दों में, “संत प्रेमानंद सिर्फ एक धर्म के संत नहीं, बल्कि समाज को सही दिशा दिखाने वाले पथप्रदर्शक हैं।”

शुक्रवार की नमाज में दुआ मांगते हुए मेहनाज ने न सिर्फ एक संत के स्वास्थ्य की कामना की, बल्कि यह भी साबित किया कि सच्चा धर्म किसी की जान बचाने में है, न कि दीवारें खड़ी करने में।

यह कदम ऐसे समय में आया है जब अक्सर समाज में धार्मिक विभाजन की बातें सुनाई देती हैं। लेकिन मेहनाज ने यह दिखा दिया कि भाईचारा और मानवता किसी भी धार्मिक पहचान से बड़ी है।

उनकी यह पहल न केवल संत प्रेमानंद महाराज के लिए एक जीवनदायिनी उम्मीद है, बल्कि उन तमाम लोगों के लिए भी प्रेरणा है जो मानते हैं कि जब हम एक-दूसरे के दुख में साथ खड़े होते हैं, तो समाज और भी मज़बूत होता है।

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