छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की 5 दिन की ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) कस्टोडियल रिमांड आज समाप्त हो रही है। उन्हें रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा। ईडी ने पिछले पांच दिनों में शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कई नए तथ्यों पर पूछताछ की है।

सूत्रों के अनुसार, ईडी जल्द ही कुछ होटल और रियल एस्टेट कारोबारियों को भी नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुला सकती है।
क्या हैं ईडी के आरोप?
- चैतन्य बघेल को शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये प्राप्त होने का आरोप।
- यह रकम रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश कर ब्लैक मनी को व्हाइट करने का प्रयास।
- फर्जी निवेश और फ्रंट कंपनियों का इस्तेमाल कर पैसे की हेराफेरी।
विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट में संदिग्ध निवेश
- ईडी की जांच में पाया गया कि चैतन्य के बघेल डेवलपर्स के विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट में घोटाले का पैसा निवेश हुआ।
- वास्तविक खर्च 13-15 करोड़ बताया गया, जबकि रिकॉर्ड में सिर्फ 7.14 करोड़ दर्शाया गया।
- जब्त डिजिटल डिवाइस में 4.2 करोड़ की कैश पेमेंट का सबूत मिला, जो रिकॉर्ड में नहीं।
फर्जी फ्लैट डील और कैश ट्रांसफर
- कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लो ने अपने कर्मचारियों के नाम पर 19 फ्लैट खरीदे और 5 करोड़ रुपये बघेल डेवलपर्स को ट्रांसफर किए।
- जांच में सामने आया कि यह पैसे को वैध दिखाने की एक योजना थी।
ज्वेलर्स के जरिए नकदी को लीगल दिखाना
- भिलाई के एक ज्वेलर्स ने 5 करोड़ कैश के बदले 6 प्लॉट खरीदे।
- असल कीमत 80 लाख थी, बाकी राशि को बैंक ट्रांसफर के जरिए वैध दिखाने का प्रयास किया गया।
शराब घोटाले का पूरा मामला
- ईडी की FIR के मुताबिक घोटाला 2000 करोड़ रुपये से अधिक का है।
- इस मामले में IAS अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी ए.पी. त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर मुख्य आरोपी।
- आरोप है कि तत्कालीन भूपेश सरकार के दौरान सिंडिकेट के जरिए यह घोटाला अंजाम दिया गया।