गणेश चतुर्थी 2025: त्योहार का इतिहास, महत्व और सांस्कृतिक रौनक

सनातन धर्म में गणेश चतुर्थी का त्योहार बहुत खास होता है। इस साल गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त, 2025 को मनाया जाएगा। यह पावन पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है और इसे महाराष्ट्र, गुजरात समेत देश के कई राज्यों में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

गणेश चतुर्थी का महत्व

गणेश चतुर्थी का त्योहार 10 दिनों तक चलता है और इसे गणेशोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। इस दौरान भक्त अपने घरों में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते हैं और उनकी पूजा करते हैं। मान्यता है कि इन 10 दिनों में गणपति बप्पा धरती पर अपने भक्तों के बीच रहते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

महाराष्ट्र में विशेष रौनक

महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी की रौनक देखने लायक होती है। यहां लगभग हर घर और सार्वजनिक पंडालों में भगवान गणेश की भव्य मूर्तियां स्थापित की जाती हैं। पूरा वातावरण भक्ति और उत्साह से सराबोर रहता है। भक्तजन गणपति बप्पा की सुबह-शाम आरती करते हैं, भजन गाते हैं और उन्हें उनकी पसंद के पकवानों, खासकर मोदक का भोग लगाते हैं।

पूजा और भोग

पूजा के दौरान, भक्त गणपति बप्पा को दूर्वा घास, लाल फूल, मोदक और लड्डू का भोग लगाते हैं। इन 10 दिनों के बाद, भक्त ‘गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ’ के जयकारे लगाते हुए, भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन करते हैं।

यह त्योहार न सिर्फ धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह आपसी भाईचारे और एकता को भी मजबूत करता है।

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