केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र को विनियमित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। बुधवार (20 अगस्त, 2025) को सरकार ने संसद के निचले सदन, लोकसभा में “ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025” पेश किया। यह विधेयक ऑनलाइन गेमिंग उद्योग में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के उद्देश्य से लाया गया है।
एक दिन पहले मिली थी मंत्रिमंडल की मंजूरी
इस विधेयक को एक दिन पहले ही, मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हरी झंडी मिली थी। मंत्रिमंडल ने विधेयक के मसौदे पर चर्चा की और इसे संसद में पेश करने की मंजूरी दी थी।
क्या हैं विधेयक के मुख्य उद्देश्य?
इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य ऑनलाइन गेमिंग को जुए और सट्टेबाजी से अलग करना, ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को लाइसेंस देना और एक नियामक प्राधिकरण (regulatory authority) स्थापित करना है। इसके अलावा, विधेयक में गेमिंग से होने वाली लत और वित्तीय धोखाधड़ी जैसी समस्याओं से निपटने के लिए भी प्रावधान शामिल हैं।
यह विधेयक ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के लिए एक बड़ा बदलाव ला सकता है, खासकर उन कंपनियों के लिए जो फैंटेसी स्पोर्ट्स और रमी जैसे खेल संचालित करती हैं। इस विधेयक के पारित होने के बाद, इन कंपनियों को सख्त नियमों और लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं का पालन करना होगा। इस कदम से ऑनलाइन गेमिंग के बढ़ते बाजार में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ने की उम्मीद है।