छत्तीसगढ़ के 43,301 अंशकालिक स्कूल सफाई कर्मचारी बीते दो महीनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। 15 जून से शुरू हुआ आंदोलन अब तेज़ होता जा रहा है। 17 अगस्त को नया रायपुर के तूता धरना स्थल पर सभी जिला अध्यक्षों और पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई है, जिसमें दिल्ली के जंतर-मंतर पर आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।

इससे पहले कर्मचारियों ने जिला और राज्य मुख्यालयों पर प्रदर्शन, मुख्यमंत्री निवास घेराव और केशकाल घाटी में सड़क जाम जैसे चरणों में विरोध दर्ज कराया, लेकिन सरकार की ओर से ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

मांगें क्या हैं?
प्रांतीय मीडिया प्रभारी प्रदीप वर्मा ने बताया कि सफाई कर्मचारियों को केवल ₹3,000–₹3,500 मासिक मानदेय दिया जाता है, जबकि वे भृत्य, चपरासी और अन्य कार्यों का भी भार उठाते हैं। कर्मचारी पूर्णकालिक नियुक्ति और कलेक्टर दर पर वेतन की मांग कर रहे हैं।

स्कूलों की हालत बिगड़ी
हड़ताल के चलते सैकड़ों स्कूलों में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। कई जगह बच्चों को ही झाड़ू उठाना पड़ रहा है, जिससे उनकी पढ़ाई और आत्मसम्मान दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
कर्मचारी संगठन अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं और सरकार से तुरंत ठोस पहल की मांग कर रहे हैं।
