छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। रायपुर में मंगलवार को मूल निवासी संघ के तत्वाधान में मसीही समाज ने एक बड़ी विरोध रैली निकाली, जिसमें बड़ी संख्या में ईसाई समुदाय के लोग शामिल हुए। रैली के दौरान मसीही समाज के प्रतिनिधियों ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि ईसाई समाज के लोगों, विशेषकर महिलाओं के साथ मारपीट की जा रही है और समुदाय को लगातार धमकाया जा रहा है।
मसीही समाज ने यह भी आरोप लगाया कि बजरंग दल के लोग बेवजह धर्मांतरण के झूठे आरोप लगाकर समाज के लोगों को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सब कुछ एक सोची-समझी साजिश के तहत किया जा रहा है, जिसमें राजनीतिक संरक्षण भी शामिल है। रैली में बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के लोग भी शामिल हुए और ईसाई समाज के साथ एकजुटता दिखाई।

प्रदर्शनकारियों ने शासन-प्रशासन पर भी आरोप लगाया कि वह एकतरफा कार्रवाई कर रहा है और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को खुली छूट दी जा रही है।
मसीही समाज ने सरकार से मांग की कि अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और झूठे आरोपों में फंसाने की घटनाओं पर रोक लगाई जाए।
धर्मांतरण को लेकर छत्तीसगढ़ में पहले से ही राजनीतिक और सामाजिक तनाव बना हुआ है, और इस रैली ने एक बार फिर इस मुद्दे को सुर्खियों में ला दिया है।