14 साल से पीड़ित 86 परिवारों को हाईकोर्ट से राहत: बालको के कोल यार्ड और कुलिंग टॉवर से प्रभावित लोगों को मिलेगा पुनर्वास

बिलासपुर – छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई में कोरबा जिले के बालको कोल यार्ड और कुलिंग टॉवर से प्रभावित 86 परिवारों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने कोरबा कलेक्टर को आदेश दिया है कि इन परिवारों को तत्काल पुनर्वास उपलब्ध कराया जाए और उनके लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण किया जाए।

यह परिवार पिछले 14 वर्षों से कुलिंग टॉवर और कोल यार्ड से फैलने वाले प्रदूषण के कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं और असुरक्षित माहौल में जीवन बिता रहे थे। प्रभावित इलाके शांतिनगर, न्यू शांतिनगर और रिंग रोड में बालको की विस्तार परियोजना (2004-2022) के तहत कोल यार्ड और कुलिंग टॉवर का निर्माण हुआ था, जिससे 200 से अधिक परिवार प्रभावित हुए।

स्थानीय निवासियों ने बताया कि प्रदूषण के कारण अस्थमा, त्वचा रोग और अन्य गंभीर बीमारियों का प्रकोप बढ़ा है। याचिकाकर्ता डिलेन्द्र यादव ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर पीड़ितों के पुनर्वास और प्रदूषण से बचाव की मांग की थी।

याचिका में बताया गया कि पहले अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) ने बालको कंपनी को पुनर्वास प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया था और 46 अतिरिक्त प्रभावित परिवारों को पुनर्वास व रोजगार देने का उल्लेख किया था, लेकिन कंपनी ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्पष्ट निर्देश दिया कि पीड़ित परिवारों को तुरंत सुरक्षित स्थान पर बसाया जाए और लंबित मामलों का जल्द निपटारा किया जाए। सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से कोई आपत्ति दर्ज नहीं की गई, जिससे आदेश का रास्ता साफ हुआ।

यह फैसला 14 साल से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे परिवारों के लिए एक बड़ी राहत और बेहतर जीवन की उम्मीद लेकर आया है।

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