:दिलीप गुप्ता:
सरायपाली :- शासकीय नौकरी में रहते हुए कोई भी कर्मचारी अन्य लाभ का व्यवसाय नही कर सकता किंतु इस नियमो को ठेंगा दिखाते हुवे आज भी सरायपाली क्षेत्र में अनेक शासकीय कर्मियों को विभिन कंपनी से जुड़ कर कमीशन के लालच में कार्य करते देखा जा सकता है ।
कई कर्मचारी अपनी पत्नी , भाई आदि के नाम से एजेंसी लेकर स्वयं यह कार्य करते हैं । इसके पूर्व भी नवागढ़ में स्कूल में प्रभारी प्राचार्य पद पर पदस्थ रूपानंद पटेल द्वारा भी मार्केटिंग कंपनी से जुड़ने की शिकायत हो चुकी है ।
लोक यांत्रिकी विभाग में पदस्थ रहे एक हेण्डपम्प मेकेनिक द्वारा भी अपने भाई के नाम से एलआइसी का कार्य किया गया था । और अब सरायपाली के प्राथमिक शाला बस्ती सरायपाली में पदस्थ सहायक शिक्षक के खिलाफ हर्बल मार्केटिंग का व्यवसाय करने की शिकायत पर जांच समिति द्वारा उक्त शिक्षक का बयान लिया गया है ।
उक्त शिक्षक के ऊपर आरोप है कि वह हर्बल लाइफ जैसी संस्था से जुड़कर अपने फेसबुक आईडी ,यू ट्यूब व इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया में कंपनी का प्रचार प्रसार करते दिखाया गया है ।

शिकायत के आधार पर संचालक लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़, संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग रायपुर एवं जिला शिक्षा अधिकारी महासमुन्द को शिकायतकर्ता के व्दारा सहायक शिक्षक के विरूद्ध उचित कार्यवाही करने के लिए लिखित शिकायत पूर्व में किया गया था.

उक्त सम्बन्ध 01/08/2025 को जिला शिक्षा अधिकारी महासमुन्द के व्दारा तीन सदस्यीय समिति गठित कर जिसमें प्रकाशचंद मांझी, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सरायपाली, सतीश पटेल, विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक सरायपाली, जितेन्द्र रावल, व्याख्याता शासकीय हाईस्कूल बारोडोली सरायपाली को टीम बनाकर जांचकर प्रतिवेदन अविलंब उपलब्ध करने के लिए आदेश दिया गया है ।
इस संबंध में तीनो जांच कर्ताओं ने आरोपी शिक्षक राजेश प्रधान का बयान लिया । शिक्षक राजेश प्रधान ने बताया कि वह स्वयं उपयोग करता है मार्केटिंग नही करता ।
जांच के पश्चात जांच प्रतिवेदन डीईओ को भेजी जाएगी । प्रतिवेदन के आधार पर कार्यवाही की जायेगी ।
ज्ञातव्य हो की नियम अनुसार शासकीय सेवक को निजी व्यापार या किसी व्यापार का प्रचार वर्जित रखा गया है क्योंकि इससे कर्मचारी को शासन के व्दारा दिए कार्य इससे प्रभावित हो सकता है और शासकीय सेवक से आम जनता कर्मठता से कार्य का अपेक्षा रहती है,
शिक्षा मानव का मूल अधिकार है और मानव समाज ही शिक्षा से वंचित हो जाएं तो एक विकसित समाज की कल्पना करना असम्भव है, शिक्षा देने कार्य शिक्षक है और शिक्षा देने जैसे पद का अगर जांच में दुरुपयोग पाया जाता है तो इसमें कठोर कार्यवाही होनी चाहिए।