छत्तीसगढ़ में शिक्षा और नवाचार की नई क्रांति: IIM, NIT और मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के साथ छत्तीसगढ़ शासन का ऐतिहासिक MOU

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ शासन, आईआईएम रायपुर, एनआईटी रायपुर और मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के बीच एक ऐतिहासिक त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता राज्य में शिक्षा, कौशल विकास, नवाचार और कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

मुख्यमंत्री साय ने इसे “छत्तीसगढ़ अंजोर विजन” की ओर एक मजबूत प्रयास बताते हुए कहा कि यह साझेदारी गांव-गांव तक शिक्षा और नवाचार की पहुंच सुनिश्चित करेगी। इसके तहत रायपुर में “मती मिथिलेश अग्रवाल नवाचार एवं उद्यमिता उत्कृष्टता केंद्र” की स्थापना की जाएगी, जो युवाओं को शोध, स्टार्टअप और उद्यमिता के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा।

मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के सह-संस्थापक रामदेव अग्रवाल ने घोषणा की कि रायपुर में किसानों के लिए देश का सबसे बड़ा प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जाएगा। फाउंडेशन ने इस योजना के लिए कुल 172 करोड़ रुपये का दान देने का निर्णय लिया है—जिसमें से 101 करोड़ आईआईएम रायपुर और 71 करोड़ एनआईटी रायपुर को दिए जाएंगे।

इस फंड से IIM में “ओसवाल छात्रावास” और “दाऊ राम गोपाल अग्रवाल नॉलेज सेंटर”, जबकि NIT में “मती मिथिलेश अग्रवाल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” स्थापित किए जाएंगे। यह केंद्र आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, रोबोटिक्स और क्लीन एनर्जी जैसे उभरते क्षेत्रों में 10,000 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित करेगा और 5,000 से अधिक नौकरियां उत्पन्न करेगा।

इस अवसर पर राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, IIM और NIT के प्रतिनिधि, उद्योगपति, शिक्षक और छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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