कर्ज लेना और सस्ता होगा या नहीं, इस बात का पता कल यानी बुधवार को चल जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति (मोनेटरी पॉलिसी) की घोषणा बुधवार सुबह 10 बजे करेंगे। पीटीआई की खबर के मुताबिक, ऐसा अनुमान है कि लगातार तीन बार में कुल 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती के बाद इस बार ब्याज दरों में शायद कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। आपको बता दें, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिनों की बैठक की शुरुआत सोमवार से हो चुकी है। छह सदस्यीय यह समिति गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में नीतिगत दरों पर फैसला लेती है।
अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों की क्या है ओपिनियन
वित्तीय सेवा विशेषज्ञ विवेक अय्यर (पार्टनर, ग्रांट थॉर्नटन भारत) का मानना है कि इस बार कोई दर कटौती नहीं होगी। उन्होंने कहा कि बाहरी वातावरण अभी भी अस्थिर और अनिश्चित है, और पिछले कटौतियों का असर पूरी तरह देखने के लिए समय की जरूरत है। अय्यर ने यह भी कहा कि अमेरिका द्वारा भारतीय आयात पर लगाए गए 25% टैरिफ को पहले की दर कटौती में ध्यान में रखा जा चुका है, इसलिए इसका असर मौजूदा फैसला पर नहीं पड़ेगा।
आरईए इंडिया के सीईओ प्रवीण शर्मा ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने पहले ही इस साल 100 बेसिस पॉइंट (1 प्रतिशत) की कटौती कर दी है, इसलिए इस बार यथास्थिति बनाए रखा जा सकता है।
शर्मा ने कहा कि आज के खरीदार अल्पकालिक ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव से ज्यादा लंबी अवधि के भरोसे पर घर खरीद रहे हैं। डेवलपर्स भी ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए लचीली भुगतान योजनाएं और स्मार्ट छूट प्रदान कर रहे हैं।
मौजूदा स्थिति और पृष्ठभूमि
सरकार ने RBI को खुदरा महंगाई दर (सीपीआई) को 4% (+/- 2%) के दायरे में रखने की जिम्मेदारी दी है। फरवरी, अप्रैल और जून में खुदरा महंगाई में नरमी के चलते आरबीआई ने क्रमशः 25, 25 और 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की थी। आपको बता दें, फरवरी से खुदरा महंगाई 4% से नीचे बनी हुई है, लेकिन अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 7 अगस्त से टैरिफ लागू किए जाने की घोषणा को देखते हुए केंद्रीय बैंक इस बार किसी नई दर कटौती से पहले और आंकड़ों का इंतजार कर सकता है।