रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) के अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी पर लगे कमीशन के आरोपों ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। शुक्रवार को सवन्नी दिल्ली के लिए रवाना हो गए। सूत्रों के मुताबिक, उनके खिलाफ वेंडरों की शिकायत मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से होते हुए अब दिल्ली तक पहुंच गई है।

क्या हैं आरोप?
हाल ही में कुछ वेंडरों ने आरोप लगाया कि भूपेंद्र सवन्नी अपने निजी सहायक वैभव दुबे के जरिए तीन प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे हैं। आरोप के अनुसार, यह रकम उन कार्यों पर भी मांगी जा रही है, जो उनके पदभार ग्रहण करने से पहले आवंटित और पूर्ण हो चुके हैं। शिकायत में कहा गया कि रकम न देने पर कार्यों की जांच, नोटिस जारी करने और ब्लैकलिस्ट करने की धमकी दी जा रही है।
वेंडरों ने बताया कि वे विभागीय टेंडरों में भाग लेकर सोलर सिस्टम लगाने का काम करते हैं, लेकिन हाल के दिनों में लगातार प्रताड़ना झेल रहे हैं, जिससे सभी बेहद परेशान हैं।
सोलर एसोसिएशन का खंडन
इस मामले में छत्तीसगढ़ सोलर बिजनेस वेलफेयर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आरोपों को बेबुनियाद बताया है। एसोसिएशन का कहना है कि जनदर्शन में दी गई शिकायत गुमनाम है, जिसमें न नाम है, न पता या कोई ठोस सबूत। संगठन ने इसे किसी शरारती तत्व की साजिश करार दिया। एसोसिएशन का दावा है कि वह क्रेडा से जुड़े सभी ठेकेदारों का एकमात्र पंजीकृत संगठन है और सवन्नी के खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार हैं।
राजनीतिक महत्व
कमीशन के आरोप और दिल्ली से बुलावे को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हैं। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि सवन्नी की दिल्ली यात्रा के बाद इस विवाद का क्या निष्कर्ष निकलता है।