Saraipali news-गौरवपथ का गौरव हो रहा गायब


गौरवपथ में बन रहे स्तरहीन नाली निर्माण से भविष्य में होगी दिक्कत
दिलीप गुप्ता
सरायपाली। नगर में गौरवपथ निर्माण के अंतर्गत सड़क के दोनों तरफ बन रही नाली निर्माण की गुणवत्ता व निर्माण के तरीके को लेकर नगर जनों में काफी आक्रोश है । सर्वाधिक आड़ी तिरछी व गुणवत्ताविहीन नाली का निर्माण नगर के मध्य में जिसे नगर का हृदय स्थल कहा जाता है प्रारम्भ हुआ है । वैसे तो निर्माणाधीन सभी नालियां गुणवत्ताविहीन व काफी विवादास्पद रूप से निर्मित की गई है । वर्तमान में लक्ष्मी ज्वेलर्स के सामने नाली का निर्माण अब तक कि सबसे तिरछी नाली साबित हो रही है अपने दुकानदारों को खुश करने के चक्कर मे पूरे नालियों की बलि चढ़ा दी गई है।


इन अव्यवस्थित व घटिया निर्माण करवाने के लिए सिर्फ ठेकेदार या नगरपालिका अकेले दोषी नही है इसके लिए दुकानदार व नगरवासी भी उतने ही दोषी है ।यह नाली तो सड़क के एकदम पास से बन रही है ।पर सबसे अधिक शिकायत व परेशानी अग्रसेन चौक से जयस्तंभ चौक व उसके आगे बन रही नालियों में आ रही है निहायत ही घटिया व स्तरहीन नाली निर्माण होने के कारण व्यवसायियों द्वारा काम भी रुकवा दिया गया था। धरम वस्त्रालय से लक्ष्मी ज्वेलर्स की दुकाम तक बनने वाली सबसे घटिया निर्माण की प्रतीक है ।संभवत ऐसा लगता है कि निर्माण कार्यो का जितना विरोध करोगे उतना अधिक घटिया निर्माण होगा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।
ठेकेदार को नगरपालिका व परिषद का पूर्ण समर्थन प्राप्त है इससे यही आभास होता है। सबसे दुखद बात तो यह है कि भाजपा के 9 , निर्दलीय 5 व कांग्रेस के 1 पार्षद कुल 15 पार्षदों में अभी तक किसी एक भी पार्षद ने गौरवपथ, नाली व अन्य निर्माण कार्यो के विरुद्ध कभी कोई आवाज नही उठाई। ऐसा लगता है कि सभी का मुंह बंद कर दिया गया है। नगरहित की बात करने वाले एक पार्षद द्वारा भी अब चुप्पी साध लिया गया है।
कांग्रेस सरकार के दौरान नगर में जब गौरवपथ निर्माण प्रारम्भ हुआ तो नगर वासियों में काफी प्रसन्नता व खुशी का माहौल था। नगर में अव्यवस्थि व एकल सड़क मार्ग होने के कारण वाहनों के आवागमन में भारी दिक्कतें पैदा हो रही थी । आये दिनों दुर्घटनाओं का अंबार लगा रहता था। ट्रैफिक जाम के साथ साथ सड़क में गंदे पानी भी कपड़ो को गंदा करते थे।


इन सभी समस्याओं को देखते हुवे सुगम , सुरक्षित व बेहतर आवागमन के लिए नगरवासी पिछले कई वर्षों से गौरव पथ निर्माण की मांग कर रहे थे । नगरपालिका व राज्य में 15 वर्षो तक भाजपा की नगर व राज्य में सरकार रही पर दोनों सरकारो ने इस पर कभी भी गंभीरता नही दिखाई पर जैसे ही 5 वर्षो के लिए नगरपालिका

व राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी कुछ महीनों के अंतराल में ही गौरवपथ की सौगात नगरवासियों को मिली। कार्य भी प्रारम्भ हो गया मगर यह नगर का दुर्भाग्य था कि कुर्सी व कमीशनखोरी की आदत से मजबूर व फिर सत्ता पाने के शौकीन ने पार्षदों को फिर लालच दिया व पार्षद फिर बिक गए व भाजपा की सरकार बना ली। सत्ता परिवर्तन के चलते 4 बार पैसों को पानी की तरह बहाया गया। गत चुनाव में मात्र 3 पार्षद कांग्रेस व भाजपा के पास स्पष्ट बहुमत होने के बावजूद कथित पानी वाले बाबा को पुन: अध्यक्ष की कुर्सी पर नही देखने व पसंद नहीं करने वाले भाजपा पार्षदों ने विरोध का रास्ता अपनाते हुवे कांग्रेस को समर्थंन देते हुए कांग्रेस की सरकार बनवा दी। यहां भी पैसों का बड़ा खेल चला पर सत्ता का लालची व भारी कमीशन से कमाया गए पैसे के लालची बाबा को सत्ता के बगैर चैन नही था उसने पैसों के बल पर कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया। फिर पार्षदों को दूसरी बार खरीदा गया पर कामयाबी नहीं मिली अपनो ने ही भाजपा को धोखा दे दिया ।
आरोप लगाया गया कि भाजपा के पार्षद जिन्हें उपाध्यक्ष बनाया गया था, उसने धोखा दिया। जिससे बदला लेने कर लिए कथित बाबा ने फिर पैसों की नदियां बहाई पर फिर भी सफलता नही मिली । बहुमत होने के बावजूद सत्ता में काबिज नहीं हो पाने व दो बार अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के हार के कारण नगर में पार्टी में बाबा की काफी किरकिरी व फजीहत भी हो चुकी थी। नाराज पार्षदों व भाजपा के असंतुष्ट कार्यकर्ताओं ने बाबा के खिलाफ काफी नाराजगी पहले ही व्यक्त कर दी थी वे किसी भी हालत में कथित बाबा को अध्यक्ष के रूप में देखना नहीं चाहते थे पर बाबा को तो सत्ता व पैसों का नशा चढ़ा हुआ था। कुछ दिन शांत रहने के बाद फिर सत्ता की कुर्सी चुलबुलाने लगी। इस पर नीति में परिवर्तन कर ऊपर से पार्षदों पर दबाव बनवाकर फिर कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया,जहां अंतत: उसे सफलता मिली व वह फिर अस्थायी तौर पर अध्यक्ष की कुर्सी हथिया लिया यहां फिर पैसा पानी की तरह बहाया गया। इस तरह इस दौरान 4 बार पार्षदों को खरीदने के लिए भारी धनराशि खर्च की गई । इसी दौरान पूर्व अध्यक्ष द्वारा बनाये गए प्राक्कलन में प्रभारी अध्यक्ष द्वारा उनके कथनानुसार स्वरूप में परिवर्तन किया गया है कोई बदलाव नही किया गया है जैसे भ्रमित शब्दो का उपयोग कर नगरवासियो को सफाई देने का प्रयास किया गया। डिवाइडर की ऊंचाई कम करना, उसके स्थान पर लोहे की जाली लगवाना ( इसके पीछे हास्यपद तर्क दिया गया कि कम ऊंचाई के कारण पौधों को मवेशियों से नुकसान होगा), स्ट्रीट लाइट में परिवर्तन, नाली निर्माण में परिवर्तन, सड़कों की चौड़ाई में परिवर्तन किया गया।
पहले सुरक्षित व सुगम यातायात को देखते हुए बहुत ही कम क्रासिंग छोड़ा गया था। इससे व्यवसायियों व व्यापारियों को भड़काकर व व्यवसाय प्रभावित होने का डर दिखाकर उनकी आड़ में अनपेक्षित रूप से कई गुना जगह जगह क्रासिंग छुड़वाया गया ।

वर्तमान में लगभग 40 से अधिक क्रासिंग गौरवपथ में छोड़ा गया है जो खतरनाक साबित होने लगे हैं। अभी तक इन क्रासिंगों में अनेक दुर्घटनाएं हो चुकी हैं । पहले क्रासिंग का समर्थन करने वालो को कथित बाबा के साजिश का पता चलने के बाद कुछ समर्थक भी विरोध में आ गए । इन अवैध रूप से छोड़े गए क्रासिंग को बन्द किये जाने हेतु अनेकों बार आज की जनधारा द्वारा समाचारो के माध्यम से आवाज उठाई गई पर अंतत: इसका असर हुआ व नगरवासियो के साथ ही कांग्रेस व युवा कांग्रेस सक्रिय हुए व विगत 16 जुलाई को इन अवैध क्रासिंगों को बन्द करने व अग्रसेन चौक से जयस्तंभ चौक तक डिवाइडर निर्माण किये जाने हेतु ज्ञापन सौंपा गया । 13 अगस्त तक समय दिया गया है अन्यथा की स्थिति में 14 अगस्त से नगरपालिका में अनिश्चितकालीन धरना व प्रदर्शन किए जाने की चेतावनी दी गई है।
एसडीएम के निर्देश पर इन डिवाइडरों को बन्द करने का कार्य तो प्रारम्भ कर दिया गया है पर जिस तरह से कार्य की गति दिखाई दे रही है उससे नही लगता कि आदेश का अक्षरस: पालन होगा। फिर आदेश देने वाली एसडीएम का यहां से स्थानांतरण भी हो गया है ऐसे में यनक एक बड़ा कांटा निकल गया है।

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