बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में आरोपी कारोबारी अनवर ढेबर की याचिका खारिज कर दी है। ढेबर ने अपनी याचिका में ACB और EOW द्वारा की गई गिरफ्तारी को अवैधानिक बताते हुए FIR रद्द करने, पुलिस रिमांड आदेश रद्द करने और गिरफ्तारी प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के खिलाफ बताया था।

यह मामला ईडी की जांच रिपोर्ट के आधार पर दर्ज हुआ था, जिसमें 2,000 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का दावा किया गया है। ईडी के अनुसार, तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के MD ए.पी. त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर ने अवैध सिंडिकेट के माध्यम से सरकारी शराब दुकानों से डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर शराब बेची, जिससे सरकार को करोड़ों का राजस्व नुकसान हुआ।

ढेबर ने आरोप लगाया कि 4 अप्रैल को बिना सूचना उसे हिरासत में लिया गया और परिवार को भी सूचित नहीं किया गया। औपचारिक गिरफ्तारी अगले दिन की गई और गिरफ्तारी का पंचनामा व केस डायरी की कॉपी नहीं दी गई।
राज्य शासन की ओर से कोर्ट में कहा गया कि यह गंभीर आर्थिक अपराध है और आरोपी की याचिका पहले भी दो बार खारिज हो चुकी है। हाईकोर्ट ने भी सभी तर्क सुनने के बाद उनकी याचिका खारिज कर दी।