बलरामपुर ज़िले के राजपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में वर्षों से शव वाहन की अनुपलब्धता शासन-प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर रही है। हाल ही में गेऊर नदी से मिले एक अज्ञात शव को पोस्टमार्टम के लिए नगर पंचायत की कचरा गाड़ी में ले जाना पड़ा। यह न केवल मृतक के सम्मान का अपमान है, बल्कि मानवता पर भी सवाल खड़े करता है।
स्थानीय डॉक्टरों ने बताया कि कई बार उच्चाधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं मिला है। आर्थिक रूप से सक्षम लोग निजी वाहन का इंतजाम कर लेते हैं, पर गरीबों के लिए यह बड़ी परेशानी बन जाती है।
यह घटना बताती है कि गरीबों की गरिमा और संवेदना को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। शासन को चाहिए कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को बुनियादी सुविधाएं तुरंत उपलब्ध कराए, ताकि ऐसी अमानवीय घटनाएं दोहराई न जाएं।