पिथौरागढ़/देहरादून (उत्तराखंड)। कैलाश मानसरोवर यात्रा के दूसरे दल में शामिल पूर्व केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी तिब्बत के दारचिन क्षेत्र में घोड़े से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गई हैं। इस हादसे में उनकी रीढ़ की हड्डी (स्पाइन) में चोट आई है, जिसके बाद उन्हें भारत वापस लाने का निर्णय लिया गया है।
क्या हुआ था?
- मीनाक्षी लेखी शनिवार को तिब्बत के दारचिन पहुंची थीं, जहां वह घोड़े पर सवारी कर रही थीं।
- अचानक घोड़े से गिरने के कारण उनकी कमर और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट आई।
- उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां एक्स-रे में स्पाइनल इंजरी की पुष्टि हुई।
रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा
- घायल मीनाक्षी लेखी को वाहन के जरिए लिपुलेख दर्रा तक लाया जाएगा।
- वहां से स्ट्रेचर या अन्य साधनों से नाभीढांग (धारचूला) पहुंचाया जाएगा।
- हेलीकॉप्टर से उन्हें देहरादून ले जाने की योजना है, लेकिन मौसम की स्थिति पर निर्भर करेगा कि रेस्क्यू कब तक पूरा होगा।
यात्रा पूरी नहीं कर पाएंगी
- मीनाक्षी लेखी इससे पहले कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर काफी उत्साहित थीं और इसे अपने लिए सौभाग्य बता रही थीं।
- हालांकि, अब उनकी स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए यात्रा जारी रखना संभव नहीं है।
प्रशासन ने की पूरी तैयारी
- पिथौरागढ़ प्रशासन ने उनके सुरक्षित रेस्क्यू की पूरी तैयारी कर ली है।
- यदि मौसम साफ रहा, तो हेलीकॉप्टर से उन्हें जल्द देहरादून मेडिकल सेंटर पहुंचाया जाएगा।
कैलाश मानसरोवर यात्रा का महत्व
कैलाश मानसरोवर यात्रा हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र मानी जाती है। यह यात्रा कठिन और खतरनाक मार्गों से होकर गुजरती है, जहां ऊंचाई और मौसम की चुनौतियां होती हैं।
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