सुशासन योजना के अंतर्गत हुआ आयोजन
रमेश गुप्ता
रायपुर। 100 दिवस सुशासन योजना अन्तर्गत केन्द्रीय जेल रायपुर में निरूद्ध बंदियों का कौशल विकास एवं पुर्नवास की दिशा में सतत् प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रथम चरण का प्रशिक्षण गौ उत्पाद संबंधी विषय पर आधारित था। इसके बाद द्वितीय चरण में 16 से 18 जुलाई तक तीन दिन तक माली (गार्डनर) एवं जैविक कृषि प्रशिक्षण का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के सहयोग से किया गया।
कौशल प्रशिक्षण में कुल 60 बंदियों ने भाग लिया, जिसमें उन्हें जैविक खाद निर्माण, पौधो की देखभाल, मौसमी सब्जियों की खेती, औषधीय पौधो की जानकारी, जल संरक्षण तकनीक एवं हरित वातावरण के निर्माण जैसे सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक विषयों पर प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केन्द्र, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिकों द्वारा दिया गया। साथ ही बंदियों को आधुनिक एवं टिकाऊ कृषि विधियों से अवगत कराया गया।

जेल अधीक्षक योगेश सिंह क्षत्री ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को लेकर बताया कि इस प्रकार के कौशल विकास संबंधी प्रशिक्षण बंदियों मानसिक और सामाजिक उत्थान के साथ-साथ जेल परिसर को भी हरित एवं सुंदर बनाने में सहायक होते है। हमारा उददेश्य बंदियों को दंड के साथ-साथ जीवन जीने की नई राह दिखाना है। आगामी चरणों में अन्य व्यवसायिक प्रशिक्षणों की भी योजना है, जिसमें बंदियों को स्वरोजगार के बेहतर अवसर मिल सके। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बंदियों के व्यक्तित्व विकास तथा उन्हें अपराध से विमुख रखने व सामाजिक रूप से सबल बनाने की दिशा में सराहनीय पहल है। निश्चित ही कृषि विज्ञान केन्द्र, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर का यह सहयोग प्रशंसनीय है।