डीईओ ने बीआरसीसी को दिएजांच का आदेश
जांच रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्यवाही
दिलीप गुप्ता
सरायपाली। नगर व क्षेत्र के अनेक ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में कार्यरत अनेक शासकीय शिक्षकों के साथ ही विभिन्न विभागों के कर्मचारियों द्वारा कुछ महीनों पूर्व तक शासकीय, निजी कंपनियों व विभिन्न जमा योजनाओं में स्वयं, अपनी पत्नी य्या पारिवारिक सदस्यों के नाम एजेंसीलेकर शासकीय कार्य छोड़कर इन योजनाओं में ध्यान दिया जाता रहा है। विभिन्न कंपनियों से जुड़कर लाभ कमाने का कार्य बेखौफ चल रहा है। अभी भी कइयों का नाम ऐसी योजनाओं के संचालन किये जाने की आ रही है। भारी कमीशन, साधन, सुविधा व भरे मंच में सम्मान का ग्लैमर से रोमांचित इन शासकीय कर्मियों को सरकार व प्रशासन का तनिक भी भय नहीं है।

इसी तरह अंचल में अब शासकीय शिक्षक ऑनलाइन मार्केटिंग कार्य करते व्यस्त नजर आ रहे है, नवागढ़ हाईस्कूल के प्रभारी प्राचार्य रूपानंद पटेल जो कि संघ के पदाधिकारी भी हैं, के द्वारा ऑनलाइन मार्केटिंग कार्य किये जाने के वीडियो फेसबुक व सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद आनन-फानन में शिक्षा विभाग हरकत में आ गया, व्याख्याता रूपानंद पटेल को जिला शिक्षाअधिकारी ने कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था व उन्हें 15 जुलाई को स्वयं जिला कार्यालय में उपस्थित होकर अपना स्पष्टीकरण दिए जाने का निर्देश दिए गए थे।
जानकारी के अनुसार रूपानंद पटेल द्वारा 15 जुलाई को अपना स्पस्टीकरण दे दिया गया है।
इस संबंध में डीईओ लहरे ने बताया कि शिकायत के आधार पर बीआरसीसी को जांच काईये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। आज ही जांच रिपोर्ट दिए जाने कहा गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही की जायेगी।
ज्ञात हो कि शिक्षक रूपानंद पटेल पर आरोप है कि वह ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनी के सभी प्रोडक्ट का प्रमोशन सेमिनार का संचालन करते हैं। उन्हें ऐसे आयोजनों पर फूलों की मालाओं से लाद दिए जाने व भव्य स्वागत किये जाने की भी फोटो वायरल हो रही है।
इस संबंध में सत्ताधारी पार्टी से जुड़े एक प्रदेश पदाधिकारी ने बताया कि शासकीय कर्मियों का इस कृत्य सिविल आचरण के विरुद्ध है, ऐसे जो भी कर्मचारी संलिप्त पाये जाएंगे उन सभी पर कड़ी कार्यवाही कराई जाएगी।

कुछ दिनों से शिक्षकों की लापरवाही उजागर हो रही है। कई स्कूलों के शिक्षकों का हर्बल लाइफ जैसे ऑनलाइन मार्केटिंग सेमिनारों में वीडियो वायरल हो रहा है जिससे स्कूली बच्चों के भविष्य पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। इसके साथ ही इस प्रकार के समाचार लगातार शिक्षा विभाग के नियमों को खुली चुनौती दे रहे है वहीं पूरे मामले पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने नाराजगी जताई है साथ ही इस मामले में आवश्यक कार्यवाही की बात कही है।