रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन डीएपी खाद की कमी को लेकर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उमेश पटेल ने सरकार पर आरोप लगाया कि डीएपी खाद किसानों को देने के बजाय प्राइवेट सेक्टर को दी जा रही है।

सदन में कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी करते हुए गर्भगृह में धरना दिया। स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने बार-बार समझाने के बाद भी जब विधायक नहीं माने, तो उन्हें निलंबित कर कार्रवाई स्थगित कर दी। कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने स्वीकार किया कि जून तक केवल 1.18 लाख मीट्रिक टन डीएपी ही उपलब्ध हुआ है, जबकि लक्ष्य 3.10 लाख मीट्रिक टन का था। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय समस्या है और जल्द स्थिति सुधरेगी।
प्रधानमंत्री मोदी का नाम आते ही विपक्ष ने और बवाल किया। स्पीकर ने सुझाव दिया कि पूरी खाद सोसाइटियों के जरिए किसानों को दी जाए। दूसरी ओर, वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने हाउसिंग बोर्ड की नई पॉलिसी बताते हुए कहा कि अब मकान तभी बनाए जाएंगे जब 60% प्री-बुकिंग हो जाएगी।