पटना, 13 जुलाई 2025: बिहार में मतदाता सूची के विशेष सत्यापन (SIR) के दौरान चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। चुनाव आयोग के सर्वे में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों के नाम मिले हैं, जो बिहार में रहकर आधार कार्ड, डोमिसाइल सर्टिफिकेट और राशन कार्ड जैसे दस्तावेज बनवा चुके हैं। आयोग ने 1 अगस्त से 30 अगस्त तक इन सभी संदिग्ध मतदाताओं की गहन जांच का फैसला किया है।
मुख्य बिंदु:
- क्या मिला सर्वे में?
- आयोग को विदेशी नागरिकों द्वारा बनवाए गए भारतीय पहचान पत्र मिले।
- ये लोग बिहार में रहकर मतदाता सूची में शामिल होने की कोशिश कर रहे थे।

- क्या होगी कार्रवाई?
- जांच में गलत पाए जाने पर इनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे।
- सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया को जारी रखने की इजाजत दी है।
- सुप्रीम कोर्ट का आदेश:
- 28 जुलाई को अगली सुनवाई होगी।
- कोर्ट ने कहा, “यह लोकतंत्र का मूलभूत मुद्दा है, किसी को बिना सुनवाई के सूची से नहीं हटाया जाएगा।”
राजनीतिक माहौल गर्म:
- यह मामला बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सुर्खियों में है।
- विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर फर्जी मतदाता बनाए जा रहे हैं।
अगले कदम:
- चुनाव आयोग 1 अगस्त से जांच शुरू करेगा।
- संदिग्ध मतदाताओं को सूचना देकर उनकी पुष्टि की जाएगी।
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