ईई लगे हैं लीपापोती में
सक्ती। करोड़ों के नहर लाइनिंग कार्य में जांच अधिकारी ने पाई बड़ी अनियमितता पाई है। गुणवत्ताहीन लाइनिंग कार्य जांच के बाद नहर संभाग दमऊ दहरा वृषभ तीर्थ जलाशय के जलसंसाधन उप संभाग सक्ती कोड नंबर 914 के ईई गुप्ता एवं एसडीओ इंजीनियर लगे हैं भ्रष्टाचार को छुपाने में। जांच अधिकारी की जांच को प्रभावित किया जा रहा है और एक माह तक जांच प्रतिवेदन नहीं पहुंचाना इस बात को संकेत देता है।
वृषभ तीर्थ दमउदहरा के पास नहर लाइनिंग के चल रहे कार्यों के शिकायत के बाद जिला कलेक्टर अमृत विकास तोपनो के द्वारा जांच टीम गठन कर 20 जून को जांच कर प्रतिवेदन देने का आदेश जारी किया गया था परंतु जांच होने के एक माह बाद भी जांच प्रतिवेदन नहीं दिया जाना कहीं ना कहीं इस कर्म के नहर लैगिक कार्य में ठेकेदार एवं अधिकारियों को बचाने के लिए समय दिया जा रहा है। वृषभ तीर्थ नहर लाइनिंग कार्य एवं देवरी जलाशय बांध गेट का जांच किया जांच के दौरान जांच अधिकारियों ने बताया देवी जलाशय में जी ग्रेड की मिट्टी डालनी थी वह नहीं डाली जा रही है और नहर से गेट का दरवाजा जिससे पानी निकलना है। वह एक फीट नीचे है वहीं दमऊ धारा ऋषभ तीर्थ में बना रहे एक करोड़ 58 लाख रुपए से लाइनिंग कार्य में अनियमितता पाई गई यह जांच अधिकारियों द्वारा भी बताया गया था। नहर लाइनिंग का कई स्लेप टूटे हुए पाए गए वहीं मिट्टी कवरिंग कपलिंग का कार्य सही नहीं पाया गया तथा स्लेप की मोटाई एस्टीमेट के आधार से कम है जिस पर जांच अधिकारी एडिशनल एसपी एस के पैंकरा हितेंद्र राठौर के द्वारा लंबाई चौड़ाई नहर पर में गिरे हुए मिट्टी मुरुम टूटे हुए स्लैब कपलिंग की जांच के दौरान एस्टीमेट से हटकर कार्य करना पाया गया था जिस पर जांच अधिकारी द्वारा कहा गया कि नहर लाइनिंग कार्य में गुणवत्ता के अनदेखी हुई है जिसके चलते किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाएगा।
हमारे द्वारा जांच उपरांत शीघ्र जांच प्रतिवेदन उचित कार्यवाही के लिए जिला कलेक्टर को सौंप जाएगा वहीं जांच अधिकारी एडिशनल कलेक्टर एसके पैकरा द्वारा बताया गया अनियमिता की शिकायत पाई गई थी हमारे द्वारा देवरी जलाशय बांध एवं वृषभ तीर्थ नहर लाइनिंग का जांच तकनीकी सहायक एवं विभाग के कर्मचारियों द्वारा कराया गया है। कार्य में अनकों कमियां पाई गई है शीघ्र ही जांच रिपोर्ट कलेक्टर कार्यालय में सौंपी जाएगी।
शासन प्रशासन द्वारा कार्य करने से पहले एस्टीमेट तैयार किया जाता है परंतु अधिकारियों द्वारा कमीशन पैसे की लालच में ऐसी जगह पर एक करोड़ 56 लाख के नहर निर्माण कराया जा रहा है जिस जलाशय से अपनी इस नहर में चलना है उसमें पानी है कि नहीं तो इस नहर लर्निंग में पानी आखिर पैसे किसानों के खेतों तक पहुंचेगा। इंजीनियर एसडीओ की देखरेख में करोड़ों रुपए के नहर लाइनिंग कार्य में खुलकर भ्रष्टाचार हुआ है।