food: पापड़ के मुकाबले में फ्रायम्स… नड्डा 240 रुपए किलो

:राजकुमार मल:

भाटापारा:  नड्डा 70 से 240 रुपए किलो। पीछे वह फ्रायम्स भी नहीं है जिसने 160 रुपए किलो जैसी उच्च कीमत अपने नाम कर ली है। तेजी के बावजूद मांग क्षेत्र जिस तरह विस्तार ले रहा है, उसे देखते हुए प्रदेश में नड्डा और फ्रायम्स उत्पादन करने वाली ईकाइयां अब अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने की योजना बना रही हैं।

 

नड्डा खूब बिकते हैं स्ट्रीट फूड काउंटरों में लेकिन फ्रायम्स ने वैवाहिक आयोजनों के बाद जैसी पहुंच घरों में बनाई हुई है, उससे पापड़ को अपनी जगह बचाने में बेहद मेहनत करनी पड़ रही है क्योंकि पापड़ की तुलना में आसान है उपलब्धता और परिवहन। साथ ही क्रय शक्ति के भीतर है कीमत। पक्ष में एक और बात यह भी है कि सभी को पसंद है।

जोरदार इजाफा

नड्डा 70 से 240 रुपए किलो। फ्रायम्स 160 रुपए किलो। तेज मानी जा रही है यह कीमत क्योंकि मांग के दिन नहीं हैं। इसके बावजूद यह दोनों मजबूत इसलिए माने जा रहे हैं क्योंकि नड्डा में स्ट्रीट फूड काउंटरों की डिमांड है, तो फ्रायम्स में घरेलू मांग का दबाव बना हुआ है। नया बदलाव फ्रायम्स में यह देखा जा रहा है कि इसने घरों में पापड़ की जगह लेनी चालू कर दी है, जो फ्रायम्स के बेहतर भविष्य को सामने ला रही है।

आने वाला है सीजन

सितंबर से मार्च के बीच नड्डा और फ्रायम्स के सीजन के महीने माने जाते हैं। इस दौरान वैवाहिक आयोजनों के अलावा अन्य कार्यक्रम भी खूब होते हैं। देवांगन खजूर वाला के संचालक मयंक देवांगन बताते हैं कि इन महीनों में दोनों की डिमांड जोरदार रहती है लेकिन इस बार आगत सीजन में मांग दोगुना होने की संभावना इसलिए है क्योंकि ऑफ सीजन में भी सीजन जैसी मांग बनी हुई है।

योजना उत्पादन बढ़ाने की

प्रदेश में आधा दर्जन की संख्या में ऐसी इकाइयां हैं, जो नड्डा और फ्रायम्स बना रहीं हैं। स्थापना और उत्पादन लागत में वृद्धि के बावजूद अब यह इकाइयां रोजाना उत्पादन क्षमता में वृद्धि की योजना बना रही है क्योंकि मांग क्षेत्र लगातार बढ़त ले रहा है, इसके अलावा नई यूनिटों की स्थापना की भी खबर है।