5 दिन पहले प्रियंका संग फार्म हाउस पर आई थीं
शिमला। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की अचानक तबीयत बिगड़ गई है। इलाज के लिए उन्हें शिमला के IGMC अस्पताल में लाया गया है। यहां डॉक्टरों की टीम उनकी ECG, MRI समेत अन्य टेस्ट कर रही है। अभी यह सामने नहीं आया है कि सोनिया गांधी को क्या हुआ है।
सोनिया गांधी अपनी बेटी प्रियंका गांधी के साथ 2 जून को ही शिमला आई थीं। वह यहां छराबड़ा में अपने फार्म हाउस पर ठहरी हुई थीं।
सूत्रों के मुताबिक, कल (6 जून) को सोनिया गांधी बिल्कुल स्वस्थ थीं। वह शाम को आंगन में टहल रही थीं। आज, शनिवार को अचानक उनका ब्लड प्रेशर बढ़ गया। हालांकि, अभी तक अस्पताल की तरफ से कोई मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं किया गया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रिंसिपल मीडिया एडवाइजर नरेश चौहान ने कहा, सोनिया गांधी को कुछ मामूली स्वास्थ्य समस्याओं के कारण रूटीन जांच के लिए अस्पताल में लाया गया है। उनकी हालत स्थिर है।
उधर, सोनिया गांधी के बारे में पता चलते ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपना ऊना का दौरा कैंसिल कर दिया है। वह शिमला लौट रहे हैं। कुछ देर में वह IGMC पहुंच सकते हैं।
गर्मियों में छुट्टी मनाने आता है गांधी परिवार
प्रियंका गांधी का शिमला से 13 किलोमीटर दूर छराबड़ा में एक फार्महाउस है। यह घर पहाड़ी शैली में बनाया गया है। इंटीरियर में देवदार की लकड़ी से सजावट की गई है। मकान के चारों तरफ हरियाली और पाइन के खूबसूरत पेड़ हैं। सामने हिमालय के बर्फ से ढके पहाड़ नजर आते हैं। सोनिया, प्रियंका और राहुल गांधी अक्सर गर्मियों में छुट्टियां मनाने के लिए यहां आते हैं।
मार्च 2024 में भी सोनिया गांधी को तबीयत बिगड़ने के चलते दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 76 साल की सोनिया को बुखार आने की वजह से एडमिट किया गया था। सोनिया का इलाज कर रहे डॉ. डीएस राणा ने बताया कि सोनिया सीनियर कंसल्टेंट की निगरानी में हैं। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है। इसके पहले 5 जनवरी 2024 को भी उन्हें वायरल इन्फेक्शन के चलते दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में एडमिट होना पड़ा था।
सोनिया 2022 में कोरोना के कारण अस्पताल में भर्ती हुई थीं
12 जून 2022 को भी सोनिया गांधी को कोरोना होने के कारण गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 1 जून को उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इससे पहले ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें नेशनल हेराल्ड केस में पूछताछ के लिए पेश होने को कहा था। लेकिन कोरोना के चलते तारीख बदल दी गई थी।
कैम्ब्रिज में पढ़ाई के दौरान हुई थी राजीव से मुलाकात
सोनिया गांधी का पूरा नाम अन्टोनिया एड्विज अल्बीना मैनो है। 9 दिसंबर 1946 को इटली के लुसियाना में उनका जन्म हुआ। 1965 में ग्रीक रेस्तरां में राजीव गांधी से मुलाकात हुई थी, जो उस समय कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के ट्रिनिटी कॉलेज में पढ़ रहे थे। सोनिया वहां स्मॉल लैंग्वेज कॉलेज में पढ़ रही थीं।
इसके तीन साल बाद यानी 1968 में राजीव और सोनिया की शादी हिन्दू धर्म के रीति-रिवाजों अनुसार हुई। इसके बाद सोनिया भारत आकर ससुराल में अपनी सास और भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ रहने लगी थीं। 1970 में राहुल और 1972 में प्रियंका का जन्म हुआ।
सोनिया और राजीव दोनों ही परिवार से जुड़े राजनीतिक करियर से दूर थे। राजीव पायलट थे और सोनिया घर में परिवार की देखभाल करती थीं। 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव प्रधानमंत्री बने। सोनिया इस दौरान जनता के संपर्क से बचती रहीं।
पति की हत्या के बाद भी सियासत से दूर ही रहीं
राजीव गांधी की 1991 में चुनाव प्रचार के दौरान बम ब्लास्ट के दौरान हत्या कर दी गई थी। तब भी सोनिया ने सियासत में रुचि नहीं ली। पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री बने, लेकिन 1996 तक कांग्रेस कमजोर होने लगी थी। माधवराव सिंधिया, राजेश पायलट, नारायण दत्त तिवारी, अर्जुन सिंह, ममता बनर्जी, जीके मूपनार, पी. चिदंबरम और जयंती नटराजन जैसे वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस के उस समय के अध्यक्ष सीताराम केसरी के खिलाफ विद्रोह कर दिया था।
पार्टी कई खेमों में बंट गई थी।कांग्रेस को एकजुट करने के लिए 51 वर्ष की उम्र में सोनिया 1997 में पार्टी की प्राथमिक सदस्य बनीं और 62 दिन बाद ही 1998 में अध्यक्ष भी बन गईं। तब से 2017 तक वे पार्टी की अध्यक्ष बनी रहीं। यह एक रिकॉर्ड है। इस बीच, सोनिया के विदेशी मूल का मुद्दा गरमाया था। 1999 में शरद पवार, पीए संगमा और तारिक अनवर ने इसी मुद्दे पर पार्टी छोड़ दी। 1999 में ही सोनिया ने बेल्लारी (कर्नाटक) और अमेठी (उत्तरप्रदेश) से चुनाव लड़ा और दोनों जगह चुनाव जीता भी।