Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट ने विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ राहुल गांधी की टिप्पणियों को ‘गैरजिम्मेदाराना’ बताते हुए उन्हें फटकार लगाई. कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें राहुल गांधी के खिलाफ चल रहे मानहानि मामले में जारी समन को रद्द करने से इनकार किया गया था.
न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने कांग्रेस नेता को चेतावनी देते हुए कहा कि वे सावरकर के खिलाफ आगे कोई अपमानजनक बयान न दें. कोर्ट ने कहा, “उन्होंने (सावरकर) देश को आजादी दिलाने में योगदान दिया, और आप उनके साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं. महाराष्ट्र में उनकी पूजा की जाती है. अगर आप इस तरह की टिप्पणियां जारी रखते हैं, तो आपको इसके परिणाम भुगतने होंगे”

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न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने राहुल गांधी को सावरकर के खिलाफ भविष्य में कोई भी विवादास्पद बयान देने से बचने की सख्त चेतावनी दी. कोर्ट ने इस दौरान राहुल गांधी के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से एक सवाल भी पूछा – “क्या आपके मुवक्किल को पता है कि महात्मा गांधी भी अंग्रेजों के साथ पत्राचार में ‘आपका वफादार सेवक’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते थे?”. न्यायमूर्ति दत्ता ने कहा, ‘क्या आपके मुवक्किल को पता है कि उनकी दादी (इंदिरा गांधी) जब प्रधानमंत्री थीं, तो उन्होंने भी इन्हीं सज्जन (सावरकर) की प्रशंसा करते हुए एक पत्र भेजा था?’