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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट के एक हालिया आदेश पर गंभीर चिंता जताई. उन्होने कहा कि भारत के संविधान निर्माताओं ने कभी ऐसे लोकतंत्र की कल्पना नहीं की थी, जहां “न्यायाधीश कानून बनाएं, कार्यपालिका की जिम्मेदारी संभालें और न्यायपालिका एक ‘सुपर संसद’ की तरह काम करे.”
राज्यसभा के प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उनकी चिंताएं ‘बहुत उच्च स्तर’ पर है और उन्होंने अपने जीवन में कभी नहीं सोचा था कि उन्हें ये भी देखना पड़ेगा.
कार्यक्रम में मौजूद प्रशिक्षुओं को उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि भारत के राष्ट्रपति का पद बहुत ऊंचा है. राष्ट्रपति संविधान की रक्षा, संरक्षण और बचाव की शपथ लेते हैं. जबकि मंत्री, उपराष्ट्रपति, सांसद और न्यायाधीश समेत अन्य लोग संविधान का पालन करने की शपथ लेते हैं.