janmanch- पारिवारिक रिश्तों की गहराइयों से परिचित कराता नाटक अंतर्द्वंद्व

सड्डू जनमंच में हीरा मानिकपुरी द्वारा लिखित व निर्देशित नाटक अंतर्द्वंद्व का मंचन

रायपुर। सड्डू जनमंच में हीरा मानिकपुरी द्वारा लिखित व निर्देशित नाटक अंतर्द्वंद्व का मंचन किया गया। यह नाटक मुख्य रूप से पिता और पुत्री के बीच काअंतर्द्वंद्व है। बेटे के साथ जब पिता पुत्री को नकारता है और उसे उसकी माता की मृत्यु का कारण मानता है। उसे एक पुत्री के अधिकारों से पूर्णत: वंचित रखता है। जहां बेटे को पूरे सम्मान के साथ उसका अधिकार मिलता है वहीं उस बेटी के साथ इस तरह का व्यवहार, जिसमें उसका कोई अपराध नहीं होता एक संतान होने के नाते उसे अपने पिता से हर वो अधिकार चाहिए जो बेटे को दिया जाता है। चाहे वो पिता प्रेम हो, सम्मान हो, संरक्षण हो, शिक्षा हो, या संम्पत्ति। ये कहानी कोई पिछड़े वर्ग, अशिक्षित परिवार या आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग की नहीं है बल्कि शिक्षित और आर्थिक सम्पन्न परिवार की है । व्यक्ति अपने कुंठित विचारों से जब घिर जाता है तब इस तरह के अपराध करता है। नाटक में एक बेटी की लड़ाई है अपने ही परिवार से, अपने सम्मान और अधिकारों की लड़ाई। कथानक ऐसी लड़की का है जो अपने ही परिवार में अपने से हुए भेदभाव को लेकर कोर्ट पहुंच जाती है, जहां वह अपने ही पिता तथा भाइयों पर आरोप लगाती है लेकिन धीरे-धीरे उसका भ्रम मिट जाता है और परिवार फिर से एकजुट हो जाता है।

 

 

एक शिक्षित युवती जो बचपन से अपने को अपने ही परिवार से अलग-थलग पाती है, उसके पास सब कुछ होते हुए भी कुछ नहीं होता। तब वो विद्रोह करती है परिवार से और समाज से, वो लड़ती है उस विचारधारा से जो कुंठा की जननी है। जो बड़े बड़े विद्वानों को भी कुंठित कर देती है और अंतत: उसकी जीत होती है और आखिर में अपने इस जीत का श्रेय वो अपने पिता को देती है। पिता अपने अंतद्र्वंद्व से जीत जाता है और सच्चाई को स्वीकार करता है।
हीरा मानिकपुरी ने नवोदित रंग कलाकारों को प्रशिक्षित कर यह प्रस्तुति दी। छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों से आए उत्साही युवा रंग जगत में छाए सन्नाटे में उम्मीद जगाते हैं। सुभाष मिश्रा, रचना मिश्र द्वारा जनमंच का निर्माण जिस उद्देश्य से बनाया गया, वह भले छोटा हो पर वहां उपलब्ध संसाधन रंग कर्मियों की बड़ी सहायता कर रहा है।
बकौल दुष्यंत–
मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही
हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए