जनप्रतिनिधियों , भाजपा नेताओं व अधिकारियों की निष्क्रियता से सड़क सुधार नही
सरायपाली :- सरायपाली व सरसींवा के बीच मुख्य मार्ग पर स्थित ग्राम सागरपाली क्षेत्र का एक प्रमुख व्यावसायिक केंद्र है । विगत कई वर्षों से सागरपाली चौक से रोहिना की तरफ जाने वाली मार्ग आज भी मरम्मत होने का इंतजार कर रही हैं । विगत वर्ष स्थानीय विधायक चातुरी नन्द के प्रयास से मरम्मत कार्य करते हुवे गड्डो को भर दिया गया था किंतु 2-3 माहचलने के बाद एक वर्ष से अधिक समय व्यवतीत हो जाने के बाद भी वही पुरानी स्थिति निर्मित हो गई है । कल क्षेत्र के साथ ही सागरपाली में भी भारी बारिश हुई इसी के चलते पानी निकासी के अभाव में सड़कों पर पुनः बड़े बड़े गड्ढे हो जाने से इनमें पानी भर गया है । पूरी सड़क कीचड़ से सरोबार है । पैदल चलने व वाहन चलाने में काफी मुश्किलो का सामना करना पड़ रहा है ।जब यह कीचड़ व पानी सूख जाएगा तो फिर धूल से आसपास के व्यवसायी फिर परेशान होंगे ।
इस संबंध में पूर्व सरपंच कालिन्द्री मुन्ना अग्रवाल ने बताया कि इज़के मरम्मत व नए सड़क निर्माण के लिए विधायक व स्थानीय भाजपा नेताओं को भी पत्र देकर निवेदन किया गया था किंतु अधिकारीगण किसी की सुनते ही नही जिसकी वजह से समस्याओ का निराकरण नही हो पा रहा है । सरायपाली विधानसभा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत सागरपाली का मुख्य मार्ग बहुत ही जर्जर हो गई है ,सड़कों पर सड़क नहीं अब केवल गड्ढे ही दिखाई देते हैं। जिससे हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है सड़क की इस स्थिति से ग्रामवासी एवं राहगीरों में नाराजगी है । शासन प्रशासन से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद भी सड़क नहीं सुधर पाई है मरम्मत के नाम पर केवल विभाग द्वारा खानापूर्ति कराया जाता है ।अब ये सागरपाली बंसुलीडीह चौक से दुर्गापाली चौक तक के मुख्य मार्ग जनता के लिए परेशानी का सबब बन गया है ,एवं दुर्घटना को आमंत्रित करती रहती है।
इस मार्ग पर दर्जनों यात्री बसें , दो पहिया चार पहिया वाहन एवं 10 से 14 चक्का वाली ट्रकें भी चलती है ।
इस क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों ग्रामीणों ,नागरिकों के द्वारा कई बार विभागीय अधिकारियों को जनप्रतिनिधि विधायक एवं मंत्री से भी सड़क सुधार के लिए मांग कर चुके हैं लेकिन आज तक ना सड़क सुधरी नहीं लोगों को राहत मिली ।
जिसके कारण इस क्षेत्र के ग्रामीण व्यथित है ।
सड़क मरम्मत की उपेक्षा से यह साबित होता है कि उच्च पदों पर बैठे अधिकारी ऐसे मामलों में कितने संवेदनशील हैं।