Deepavali 2022 : धन की देवी लक्ष्मी के भाई कौन हैं? जिसके बिना पूजा अधूरी है…जानिए
Deepavali 2022 : हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार दिवाली कार्तिक मास की पूर्णिमा को भारत समेत पूरी दुनिया में मनाया जाएगा। इस अवसर पर विधि विधान से धन की देवी लक्ष्मी (देवी लक्ष्मी) की पूजा की जाएगी।
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Deepavali 2022 : लेकिन क्या आप जानते हैं कि माता लक्ष्मी के भाई कौन हैं और उनके बिना हर पूजा अधूरी क्यों मानी जाती है? हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार शंख को देवी लक्ष्मी का भाई कहा जाता है।
इसी वजह से धन की देवी लक्ष्मी के हाथ में हमेशा एक शंख दिखाई देता है। जैसे मां लक्ष्मी की कृपा के बिना धन नहीं मिलता है, वैसे ही शंख के बिना सकारात्मक और आध्यात्मिक शक्ति नहीं मिलती है।
शंख की उत्पत्ति कैसे हुई?
जान लें कि मां लक्ष्मी की तरह समुद्र मंथन के दौरान समुद्र से शंख की उत्पत्ति हुई थी। समुद्र मंथन के दौरान समुद्र से 14 रत्न निकले जिनमें से एक शंख भी है।
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इसी कारण से धन की देवी लक्ष्मी और दक्षिणावर्ती शंख को भाई-बहन माना जाता है। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार दक्षिणावर्ती शंख को देवी लक्ष्मी का छोटा भाई कहा जाता है।
ऐसा माना जाता है कि शंख में देवताओं का वास होता है। शंख को समृद्धि, सुख, विजय, यश, शांति और यश का प्रतीक माना जाता है।
शंख का क्या लाभ है?
आपने भी ज्यादातर लोगों के घर में शंख रखा हुआ देखा होगा। ऐसा माना जाता है कि शंख की ध्वनि स्वास्थ्य का आशीर्वाद देती है।
रोजाना शंख बजाने से सांस संबंधी बीमारियों का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। शंख की ध्वनि घर में सुख-शांति लाती है।
धनतेरस या दीपावली पर घर लाएं शंख
धनतेरस या दिवाली के दिन आप अपने घर में शंख ला सकते हैं। शंख कई प्रकार के होते हैं, लेकिन दक्षिणावर्ती शंख सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
हालांकि आप अपने घर में वामवर्ती शंख, गौमुखी शंख, गणेश शंख, मोती शंख, कौरि शंख और हीरा शंख भी ला सकते हैं। हालांकि नवरात्रि और शिवरात्रि के दिन आप अपने घर में शंख भी ला सकते हैं।