तालाब सौंदर्यीकरण के नाम पर नगरपालिका की अव्यवस्थाएं और भ्रष्टाचार”

■ सरकार व जनता घाट बनाती ये नगरपालिका घाट बन्द करती है ■
■ विकास के नाम पर सिर्फ विनाश ■
दिलीप गुप्ता
सरायपाली :- नगरपालिका सरायपाली का तथाकथित विकास सिर्फ विकास नही नगर के विनाश व सरकारी व करदाताओं के पैसों की सिर्फ बर्बादी कर रह रही है । अभी तक नगरपालिका द्वारा जितने भी विकास व निर्माण कार्य कराये गए हैं इसमे देखा गया है कि संभवतः निर्माण व विकास कार्यो के पूर्व कोई दूरदर्शी योजना व सुविधाओ का खयाल नही रखा गया है । तात्कालिक लाभ व सुविधा के तहत कार्य कराए जाने से बाद में अनेक प्रकार की मुश्किलों व धन की बर्बादी होते देखा गया है ।इस तरह के कार्यो से धन की बर्बादी , ठेकेदारों को लाभ व कमीशनखोरी के चलते भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है और यही कार्य नगरपालिका में पिछले 15 वर्षों से निरंतर जारी है । दूरदर्शी कार्ययोजना के अभाव में एक ही कार्य के लिए 2 – 3 बार धनराशि स्वीकृत कराई जा रही है किंतु कोई स्थायी कार्य नही हो पा रहा है । यह नगर विकास व सौंदर्यीकरण के नाम से स्वीकृत किये जा रहे कार्य विकास व सौंदर्यीकरण का तो नही पर हाँ संबंधित ठेकेदारों व इसमे लाभान्वित होने वालों का जरूर विकास व सौंदर्यीकरण हो रहा है ।

नगर के बड़ा तालाब के नाम से जाने जाने वाले तालाब में ऐसा ही कुछ नगरपालिका द्वारा किया जा रहा है । तालाब सौंदर्यीकरण के नाम से पिछले कांग्रेस नगर सरकार द्वारा लाखो रुपये खर्च कर पावर ब्लाक , सीमेंटेड कुर्सियां लगाई गई थी । इसके निर्माण के लिए हरिहर छत्तीसगढ़ योजना के तहत पौधरोपण अभियान के तहत धूमधाम से पौधरोपण किया गया था उन सभी वृक्षो को सौंदर्यीकरण के नाम से बुरी तरह काट दिया गया । तालाब सौंदर्यीकरण के नाम से लाखों रुपये खर्च किया गया । इस दौरान वहां बेहतर स्वास्थ्य के लिए जिम भी लगाया गया था । किंतु घटिया क्वालिटी के जिम लगने के कारण कुछ ही दिनों में अधिकांश जिम उपयोग लायक नही रहे जिसका तनिक भी लाभ न नगरवासियो को मिला न ही बाहर स्वास्थ्य की इच्छा लेकर जिम में आने वालों का स्वास्थ्य तो नही बना पर बिगड़ जरूर बिगड़ रहा है पर ठेकेदारों व लाभान्वित लोगो का स्वस्थ निश्चित रूप से बेहतर होता जा रहा है ।सौंदर्यीकरण के नाम से बार बार तालाब में किये जा रहे खर्च व तोड़ फोड़ से नगरवासियो के साथ ही युवाओ में भी भारी नाराजगी है । पिछले लगभग एक वर्षो से यहां पूर्व में लगे जिम , पावर ब्लाक , हरे भरे वृक्षो , कुर्सियों को हटा तो दिया गया है पर कार्य बहुत ही विलम्ब के साथ साथ घटिया स्तर का काईये जाने से जगह जगह नए लगाए जा रहे पावर ब्लाक कहीं कहीं अभी से टूट रहे हैं व अपनी जगह से हट रहे हैं । घटिया सीमेंट के कारण अभी से अनेक स्थानों पर सीमेंट छोड़ दिया है व टूट रहे हैं । अभी वर्तमान में मंदिर रोड पर कार्य चल रहा है जो बहुत ही घटिया स्तर का दिखाई दे रहा है । साल भर बाद भी अभी तक यह कार्य अपने शुरुवाती दौर में ही है ।

सरकारों द्वारा तालाबो में नहाने की सुविधाओं को देखते हुवे करोड़ो रुपये परछी व घाट निर्माण के लिए स्वीकृत करती है पर ठीक इसके विपरीत नगरपालिका द्वारा वर्षो से शंकर मंदिर के पास स्थापित घाट को बंद कर दिया गया । नगर पालिका प्रशासन के अदूरदर्शिता का नमूना यह है कि मंदिर के पास ही पूजा सामग्री के विसर्जन हेतु एक कुंड का निर्माण काफी विरोध के बावजूद बनाया गया । पवित्र पूजा सामग्री के लिए बनाए गए इस कुंड में इज़के साथ ही अन्य गंदगियों को भी दाल दिए जाने व कई दिनों तक इसकी सफाई नही किये जाने के कारण तालाब का पानी लगातार प्रदूषित व गंदा होने से खुजली व जलन की शिकायतें नहाने वाले करते आ रहे थे । फिर धीरे धीरे इस घाट में लोग नहाना बन्द कर दिए । अब तालाब सौंदर्यीकरण के नाम से पिछले कई दशक से बने इस शंकर घाट को बन्द कर उसके स्थान पर भोजन बनाने के लिए शेड का निर्माण कर दिया गया ।

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तालाब सौंदर्यीकरण के नाम से कुछ जमीन मालिको को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से भी यह योजना लाई गई है ऐसी जनचर्चा भी है । ताकि नगरपालिका द्वारा बनाये जा रहे सड़क का उपयोग इन जमीन मालिको को आने वाले समय मे मिल सके इसके लिए काफी लेनदेन होने की भी नगर में चर्चा है ।

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