छत्तीसगढ़ का नया DGP कौन होगा? ये तीन धुरंधर IPS हैं रेस में…

रायपुर: छत्तीसगढ़ में लगातार लाल आतंक के छक्के छुड़ाने वाले पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. उनके बाद ये गद्दी कौन संभालेगा इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं. हालांकि, इस दौड़ में तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नामों पर अटकलें लगाई जा रही हैं. इन नामों को लेकर लगातार सस्पेंस बरकरार है. वहीं यह भी माना जा रहा था कि शायद अशोक जुनेजा को ही और सेवा देने का मौका मिल जाएगा. मगर, उन्हें पहले ही दो बार सेवा विस्तार मिल चुका है. इसलिए इस बार ऐसा होने की कम उम्मीद है. इस बार अब तक कोई नया आदेश जारी नहीं हुआ है. आइए जानते हैं आखिर जुनेजा के बाद कौन बनेगा प्रभारी डीजीपी और डीजीपी पद के लिए कौन से हैं चर्चित नाम….

इन्हें सौंपा जाएगा कार्यवाहक डीजीपी का कार्यभार
बताया जा रहा है कि अगर अशोक जुनेजा को इस बार एक्सटेंशन नहीं मिलता है, तो आईपीएस अधिकारी अरुण देव गौतम कार्यवाहक डीजीपी बन सकते हैं.

तीन नामों पर अटकलें
राज्य सरकार ने नए डीजीपी की नियुक्ति के लिए तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नामों का पैनल संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को भेजा है. ये आईपीएस अधिकारी पवन देव (IPS Pawan Dev), अरुण देव गौतम (IPS Arun Dev gautam)और हिमांशु गुप्ता (IPS Himanshu Gupta) हैं. इनमें से अरुण देव गौतम को सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है.

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सबसे आगे अरुण देव गौतम का नाम
1992 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं अरुण देव गौतम. वह रायगढ़, कोरिया, राजनांदगांव, बिलासपुर, सरगुजा, जशपुर समेत कई जिलों के एसपी रह चुके हैं. उनकी गिनती तेजतर्रार आईएपीएस अधिकारियों में होती है. उन्हें अपनी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए संयुक्त राष्ट्र पदक और राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया जा चुका है. उन्होंने बस्तर क्षेत्र के आईजी के रूप में भी कार्य किया है और वहां अपनी प्रशासनिक क्षमताओं का बेहतरीन प्रदर्शन किया है. फिलहाल वह महानिदेशक होमगार्ड में पदस्थ हैं.

पवन देव के नाम पर भी सस्पेंस
आईपीएस पवन देव छत्तीसगढ़ कैडर के 1992 बैच के अधिकारी हैं. वे मूलतः बिहार के निवासी हैं और उनका जन्म 16 जुलाई 1968 को हुआ. उन्होंने बीई मैकेनिकल की डिग्री प्राप्त करने के बाद यूपीएससी की तैयारी की और आईपीएस बने. सेवा के दौरान, पवन देव ने बिलासपुर यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री भी हासिल की. उन्होंने 10 जनवरी 1993 को आईपीएस की नौकरी शुरू की और बिलासपुर जिले में प्रशिक्षु आईपीएस के रूप में तैनात रहे. इस दौरान, वे मस्तूरी थाना प्रभारी और बाद में बिलासपुर जिले के अतिरिक्त एसपी के पद पर कार्यरत रहे. इसके अलावा, पवन देव राजनांदगांव के एसपी, लोक अभियोजन के संचालक, और छत्तीसगढ़ पुलिस भर्ती एवं चयन का अतिरिक्त प्रभार संभाल चुके हैं। वे आईजी सीआईडी और पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के प्रमुख भी रह चुके हैं. पिछले साल पवन देव को छत्तीसगढ़ में डीजी के पद पर पदोन्नत किया गया था.

जानें कौन हैं हिमांशु गुप्ता?
हिमांशु गौतम का जन्म 30 जून 1969 को हुआ. बीई इलेक्ट्रॉनिक्स से स्नातक करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की. 10 जनवरी 1995 को उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा में नौकरी शुरू की. सरगुजा व दुर्ग रेंज के आइजी होने के साथ-साथ हिमांशु गुप्ता धमतरी, कोरबा, जगदलपुर आदि जिलों के एसपी रह चुके हैं. दुर्ग आइजी रहते हुए उनका एडीजी के पद पर पदोन्नति हुई. हिमांशु गौतम के नेतृत्व में योजना, प्रशासन सहित अन्वेषण में पुलिस विभाग को महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त हुईं. वे आइजी गुप्ता वार्ता के बाद एडीजी गुप्ता वार्ता बने थे. कुछ महीने पहले छत्तीसगढ़ में सीनियर IPS अधिकारी के प्रभार में बदलाव किया गया था. डीजी जेल की जिम्मेदारी संभाल रहे राजेश कुमार मिश्रा की जगह हिमांशु गुप्ता को ये जिम्मेदारी दी गई थी.

ये चाहिए पद के लिए योग्‍यता
डीजीपी बनने के लिए 30 साल की सेवा जरूरी है. इससे पहले स्पेशल केस में भारत सरकार डीजीपी बनाने की अनुमति दे सकती है. छोटे राज्यों में आईपीएस का कैडर छोटा होता है, इसको देखते हुए भारत सरकार ने डीजीपी के लिए 30 साल की सर्विस की जगह 25 साल कर दिया है. मगर बड़े राज्यों के लिए नहीं.

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