CG News : श्री श्री श्री माणिकेश्वर शिव मंदिर परिसर में 66 वां दुर्गोत्सव समिति के तत्वाधान में दुर्गा नवरात्रि का समापन भव्य एवम् ऎतिहासिक तरीके से देर रात्रि तक सम्पन्न किया गया।
कृष्णा नायक दोरनापाल
CG News : दोरनापाल:- छत्तीसगढ़ राज्य के अंतिम छोर कोन्टा में बताया जाता है। कि कोंटा नगर में 500 वर्ष पुरानी माणिकेश्वर मंदिर विराजमान है।
Also read :Karva Chauth Comming 2022 : करवाचौथ व्रत आ रहा है , ये है शुभ तिथि-मुहूर्त और व्रत की विधि…
यह मंदिर नगर के श्रृद्धालुओ के लिए एक आस्था का केंद्र माना जाता है। नगर के लोग गणेश उत्सव से लेकर रामनवमी तक के हर उत्सव को भव्य रूप से मनाते आ रहे हैं।
CG News : 66 वर्षों से चली आ रही यह परम्परा को आज के युवाओं ने नवरात्रि को मनाने के लिए अपने हाथों में बागडोर संभालकर 66 वें नवरात्रि (दुर्गोत्सव) को ऎतिहसिक बना दिया।कलश स्थापना के प्रथम दिन से ही आस्था के प्रति भक्तों की श्रद्धा भाव को बढ़ाने के लिए हर दिन विधिं विधान से मंत्रोपचार कर पूजा अर्चना एवम् आरती किया जाता हैं।
जिसमें नगर के श्रद्धालु भारी संख्या में उपस्थिति दर्ज कर माताजी का आशीर्वाद प्राप्त करते है। जैसे जैसे नवरात्रि का पर्व समापन की ओर आगे बढ़ता जाता हैं। वैसे वैसे माता जी के दरबार में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता जाता हैं।
माता जी के हवन, पूजन, आदि के बाद नवमी के दिन कन्या भोज करवाकर कन्या पूजन किया जाता हैं। नौ दिनों तक माता जी का व्रत रखने वाले भक्त अपना उपवास तोड़ने के लिए माता जी के दरबार में भंडारे पर पहुंच कर अपना उपवास थोड़ते हैं।
Also read :https://jandhara24.com/news/119658/villagers-beat-up-two-unknown-people-on-suspicion-of-child-theft/
झांकियों ने लोगों का मन मोह लिया
कोन्टा नगर में माता जी के विसर्जन के दौरान 66 वें दुर्गोत्सव समिति के द्वारा निकाली गई भव्य शोभा यात्रा में झांकियों का नजारा अलौकिक प्रतीत हो रहा था। दक्षिण बस्तर के लिए कोंटा दशहरा प्रसिद्द एवम् आकर्षण का केंद्र माना जाता है।
जिसको देखने के लिए तीन राज्यों से श्रद्धालु हजारों की तादाद में पहुंचते है। इस बार की कोंटा दशहरे की झांकी को देख श्रद्धालु हतप्रभ हो उठे। ड्रेस कोड में सजे नारी शक्ति एवं युवाओं की रैली आकर्षण का केंद्र बना रहा।
गाजे-बाजे के साथ जुलूस कोंटा नगर के मुख्य मार्गो से गुजरते हुए। सारंग डीजे की धुन पर नारी शक्ति थिरकते रहे। वहीं नृत्य टोलियों ने भी जमकर धमाल मचाया। विदाई देने के लिए कई तरह के गीत बजाए जा रहे थे।
साथ ही साथ माता जी पर पुष्पों की वर्षा एवम् अनार दाना आतिशबाजी से माताजी के चारों तरफ जलाकर माताजी की शोभा बढ़ा रही थी। इससे भक्तों का उत्साह और बढ़ता जा रहा था।
माता जी प्रतिमा विसर्जन के दौरान नगर के चारों तरफ मेले का माहौल बना रहा। रावण दहन को देखने के लिए देर रात तक हजारों की तादात में श्रद्धालु माणिकेश्वर मन्दिर प्रांगण में जमे रहे। आंध्र प्रदेश से मंगवाएं आतिशबाजी से मंदिर प्रांगण गूंज उठा।
तीन राज्यों से पहुंचे नृत्य कलाकार
कोंटा नगर तीन राज्यो का संगम स्थल है। माताजी के शोभा यात्रा में ओडिसा,आंध्र प्रदेश एवम् तेलंगाना के नृत्य कलाकार नृत्य प्रदर्शन करने पहुंचे। संबल पूरी नृत्य कलाकारों के नृत्य प्रदर्शन ने लोगो का मन मोह लिया।
पहली बार कोंटा नगर के झांकी में आंध्र प्रदेश से दिम्सा नृत्य,भरतनाट्यम आकर्षण का केंद्र बिंदु रहा। अल्लुरी सीता राम राजू जिले में आदिवासी संस्कृति से सम्बन्धित दिम्सा महिलाओं का नृत्य प्रदर्शन प्रसिद्द माना जाता है।
पूर्वजों की स्मृति में हुआ कब्बड्डी प्रतियोगिता:
66 वां दुर्गोत्सव समिति कोंटा के तत्वाधान में पूर्वजों को याद करते हुए श्री श्री श्री माणिकेश्वर शिव मन्दिर प्रांगण में रात्रि कालीन कबड्डी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था।
जिस प्रकार से दिवंगत हुए पूर्वजों को सम्मान दिया गया। वो नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है। दिवंगत हुए परिवार के सदस्यों ने नम आंखों से खुशी जाहिर किए।
जहां पर आस्था हो वहां पर भगवान भी नतमस्तक
कहते हैं। न – जहां आस्था,भक्ति और श्रद्धा का वातावरण हो वहां भगवान को भी भक्तों के लिए नतमस्तक होना पड़ता है। सनातन धर्म की ये पौराणिक कहानियां आज भी सुनते हैं।
लेकिन कल की माताजी के विशाल शोभयात्रा के दौरान ये कहानी सही साबित होता नजर आया। 500 वर्ष पुरातन माणिकेश्वर शिव मंदिर नगर के श्रद्धालुओं का आस्था का केंद्र माना जाता है।
दो दिनों से लगातार हो रही बारिश को भी श्रद्धालुओं के भक्ति के सामने पीछे हटना पड़ा माताजी की झांकी निकलने के 15 मिनट पहले तक बारिश की कहर जारी था।
मेघ से ढका आसमान रिमझिम बरसता पानी के बाद भी माता रानी की विदाई में उमड़ा रहा भीड़ आस्था का जन शैलाब माताजी की झांकी निकलने के 15 मिनट पहले तक बारिश की कहर जारी था
लेकिन नगर में शोभा यात्रा में माताजी का वाहन जब मंदिर प्रांगण से निकला तब हजारों की तादाद में खड़े श्रद्धालुओं ने लगातार माताजी की जय , जय श्री राम के जय कारों की गूंज से पूरा मन्दिर आवरण गुंजायमान रहा।
जिसको सुनकर वरुण देव को हार मानना पड़ा जिन भक्तों ने माताजी के दरबार में नौ दिनों तक आस्था, भक्ति और श्रद्धा भाव से माताजी की सेवा किए उन भक्तों की आस्था पर माताजी का आशीर्वाद भरपूर रहा होगा
तभी तो शाम 4 बजे के बाद से जो बारिश थमा वो रात के 12 बजे रावण दहन होने तक रुका रहा। उसके बाद पुनः वरुण देव धरती पर उतर गए। जो आज कोंटा नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
माताजी के विसर्जन पर रहीं पुलिस प्रशासन की विशेष चौकसी :
माताजी प्रतिमा विसर्जन के दौरान भीड़भाड़ वाले जगहों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती के साथ साथ डीजे के धुन में थिरकते महिलाओं के चारों तरफ महिला पुलिस भी तैनाती दे रही थी।
कही किसी तरह की अप्रिय घटना न हो इसलिए चप्पे चप्पे पर पुलिस बल तैनात किए गए थे। नवरात्रि के प्रथम दिन से लेकर विसर्जन दिन तक पुलिस विभाग का सराहनीय योगदान रहा।
66 वां शारदीय नवरात्रि को भव्य आयोजन के पीछे श्री श्री श्री मनिकेश्वर मंदिर ट्रस्ट,66 वां दुर्गोत्सव समिति, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल,आरएसएस का सराहनीय योगदान रहा पहली बार माताजी का दरबार सजाने में तथा माताजी की सेवा
करने का अवसर प्राप्त किए नगर के पत्रकार बंधुओं का विशेष योगदान रहा। जिसके चलते ही कोंटा दशहरे में एक एतिहासिक विशाल शोभा यात्रा सम्पन्न हो पाया है।