सक्ती – सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर पालिका शक्ति में इन दोनों ठेकेदार आपसी सहमति बनाकर शासन को लाखों रुपए का चूना लगाने में लगे हैं वही नगर पालिका अधिकारी द्वारा ऐसे ठेकेदारों को साथ में बिठाकर सभी ठेकेदारों को करोड़ों रुपए के काम आपसी में बांट रही है नाम नहीं लिखने के शर्त पर एक ठेकेदार द्वारा बताया गया कि शासन के निविदा प्रक्रिया को केवल निभाने का कार्य किया जा रहा है अधिक रेट के आवेदन टेंडर डाले जा रहे हैं इन टेडर आवेदन कि अगर जांच की जाए तो सभी टेंडर 5 रू 10 रू कम ज्यादा कर डाले जा रहे हैं और जितने भी कार्य निकले हैं
आपसी सहमती से सभी ठेकेदार बांट लिए हैं और जो निवीदा टेंडर डाले जा रहे हैं यह केवल शासन की प्रक्रिया को निभाया जा रहा इससे प्रतीत होता है कि ठेकेदार आपस में अपना काम बांट लिए है और केवल शासन की टेंडर प्रक्रिया निभाई जारी है पूर्व में भी इसी प्रकार के आपसी सहमति बनाकर अधिक रेट में टेंडर डालकर टेंडर प्रक्रिया निभाई गई थी जिसे एक ठेकेदार के द्वारा कलेक्टर सहित हाई कोर्ट में पिटीशन दायर कर निवेदा टेंडर प्रक्रिया को निरस्त कराया गया था एक और शासन नगर में विकास के लिए कटिबंध है तो दूसरी ओर ठेकेदार नगर के विकास में अपनी जेब भरने के लिए अधिक रेट में टेंडर डालकर नगर पालिका अधिकारी के साथ साठ गांठ कर शासन को लाखों रुपए चूना लगाने का काम में जुटे हैं ऐसा नहीं है यह पहली बार हो रहा है
जबकि शासन के मापदंड अनुसार नियम शर्त के अंदर आवेदन पत्र मंगाए जाते हैं जब अधिक रेट में आवेदन प्राप्त होते हैं उसे स्वत निरस्त किया जाता है परंतु अबकी बार 15 से 20 परसेंट अधिक रेट मे आवेदन पत्र स्वीकृत कर शासन को लाखों रुपए की क्षति पहुंचाने के कार्य में लगे हुए हैं वहीं नगर पालिका अध्यक्ष एंव विधायक प्रतिनिधि द्वारा द्वारा इसका विरोध करते हुए pic की बैठक में नगर हित में आम जनता एवं शासन के पैसे को बचाने के लिए जनहित का कार्य कर नगर में विभिन्न कार्य स्वीकृत हुए थे उन सभी कार्यों का शासन से स्वीकृत दर पर कार्य कराए जाने की बात करते हुए कहा की 15 से 20% में अगर कार्य स्वीकृत होते हैं तो 60 से 70 लाख रुपए का शासन को क्षती होगी अगर शासन के निर्धारित मापदंड के तहत कार्य स्वीकृत होते हैं तो इन 60 70 लाख रुपए से नगर में और कई कार्य हो सकते हैं जिससे नगर का विकास होगा बात करते हुए उक्त प्रक्रिया पर पुनः विचार करने के लिए अगले तिथी पर बैठक में चर्चा करने की बात कही आपको बता दें नगर में 2; 50 करोड़ रुपए का कार्य स्वीकृत हुआ है इन सभी कार्यों का 15 से 20% परसेंट तक बढ़ोतरी में टेंडर किया जा रहा था जबकि नगर पालिका में पूर्व में ऐसे ही कई कार्य 30% बिलों में स्वीकृत हुए हैं परंतु अबकी बार ऐसे कामों में 15% से 20 परसेंट तक ज्यादा रेट नगर पालिका अधिकारी द्वारा ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है
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परंतु नगर पालिका अध्यक्ष एवं विधायक प्रतानिधी के प्रयास से नगर हित में लाखों रुपए घोटाला करने वाले कर्मचारी ठेकेदारों के मनसुबे पर पानी फेरते हुए हुए पी आइ सी की बैठक में इस पर मोहर नहीं लगाया गया आपको बता दें नगर के वार्डो में 2.50 करोड़ के स्वीकृत कार्यों को कमीशन और घोटाले को रोकने के लिए निररस्त कराते हुए शासन को लाखों रुपए से होने वाले नुकसान से बचाया गया परंतु कमीशन के खेल में नगर को नुकसान पहुंचाने वाले विरोध करते रहे जिससे बैठक को स्थगित करते हुए आगामी तिथि पर बैठक करने की बात कही गई मुख्य नगर पालिका अधिकारी के द्वारा गुपचुप तरीके से निवीदा टेंडर का कार्य किया जा रहा है और स्वीकृत कार्यों को 15% से 20 प्रतिशत ज्यादा रेट में देने की तैयारी चल रही थी परंतु नगर पालिका अध्यक्ष एवं विधायक प्रतिनिधी के प्रयास से नगर को लगभग 60 ,70 लाख रुपए के नुकसान से बचाते हुए नगर के जनहित में कार्य किया निविदा टेंडर एक जैसे भरे जाने को लेकर चर्चा पूरे नगर में चल रही है और उनके द्वारा कहा जा रहा है नगर मे जो कार्य 30% बिलों में होते आ रहा है ऐसे कार्यों का 15 से 20% तक ज्यादा रेट में देकर नगर पालिका अधिकारी के द्वारा किसे लाभ पहुंचाया जा रहा था जिसकी जांच होनी चाहिए
बाक्स – आपको बता दें पूर्व में करोड़ों रुपए का एक टेंडर जारी हुआ था जिसमें वह कार्य 10% अधिक रेट से जारी किया गया था जिस पर उक्त ठेकेदार के द्वारा कलेक्टर सहित हाई कोर्ट में पिटीशन दायर कर टेंडर को निरस्त कराया गया था वर्तमान में अगर 15 से 20% में रेट बढ़ाकर टेंडर जारी हो रहा है तो इस पर भी कलेक्टर को ऐसे टेंडर को निरस्त किया जाना चाहिए का चर्चा जोरों पर है