धुमधाम से मनाया गया देव उठनी एकादशी तुलसी विवाह के साथ ही प्रारंभ हुआ शुभकार्य

बलौदाबाजार- कार्तिक माह की एकादशी तिथि से सभी शुभ कार्यो की शुरुआत हो जाती है और पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु चार माह के आराम के बाद उठते हैं और लोगों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं इस दिन को तुलसी विवाह भी कहा जाता है और इसी दिन से नवयुवक युवतियों का विवाह संस्कार भी प्रारंभ हो जाता है इसके अलावा अन्य शुभ कार्य प्रारंभ होते हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में खासकर आदिवासी समाज इसे छोटी दिवाली मानकर बडे़ ही धुमधाम से त्योहार मनाते है और भगवान शंकर व पार्वती का विवाह पूरे रीति रिवाज से कर एक उत्सव मनाते है। ग्रामीणों के अनुसार यह प्राचीन परंपरा है और इस विवाह के बाद बेटे बेटियों का विवाह प्रारंभ हो जाता है। त्योहार में चुलमाटी तेल माटी गीत संगीत बारात शादी सभी होता है और दुसरे दिन बिदाई विसर्जन होता है महिलायें इस अवसर पर मंगल गीत गाती है। वही विसर्जन में पूरे गाँव वाले भगवान शंकर व पार्वती की पूजा अर्चना कर परिवार के सुख समृद्धि व स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
गाँव शुक्लाभाठा गौरा गौरी का विवाह संस्कार संपन्न हुआ तथा गाँव में उनकी शोभायात्रा निकाली गई जिसमें महिलायें मंगल गीत गाये वही विसर्जन के दौरान सिर पर गौरा गौरी को रखे नर्तकों ने करतब भी दिखाये।
शहरी क्षेत्रों में रात्रि में तुलसी माता का विधि विधान से पूजा अर्चना की गयी वही गन्ने का मंडप बनाकर उसके नीचे तुलसी माता का विवाह संपन्न हुआ जिसको लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा गया।