Bastar Dussehra बस्तर दशहरा के रथ बनाने की लकडिय़ां पहुंच रही है रथ निर्माण स्थल
Bastar Dussehra जगदलपुर। रियासत कालीन बस्तर दशहरा की शुरुआत 614 वर्ष पूर्व बस्तर महाराजा पुरुषोत्तम देव के द्वारा की गई थी, तब से 75 दिवसिय बस्तर दशहरा अनवरत रियासत कालीन परंपरानुसार मनाया जा रहा है।
प्रति वर्ष बस्तर दशहरा का मुख्य आकर्षण विशालकाय दुमंजिला के परिचान के लिए क्रमश: चार और आठ पहियों वाला रथ का निर्माण किया जाता है, इस वर्ष आठ पहियों वाला दुमंजिला रथ का निर्माण किया जाएगा।
Bastar Dussehra इसके लिए माचकोट, दरभा और जगदलपुर वन परिक्षेत्रों में साल और सिवना के पेड़ों की कटाई शुरू हो चुकी है। काटी गई लकडिय़ों को रथ निर्माण स्थल सिरहासार चौक लाया जा रहा है।
Bastar Dussehra प्राप्त जानकारी के अनुसार बस्तर वन मंडल अंतर्गत जगदलपुर, दरभा और माचकोट वन परिक्षेत्रों में पेड़ों की कटाई कर साल वृक्ष के कई गोले वन विभाग के 17 ट्रकों में सिरसासार चौक रथ निर्माण स्थल पहुंचाई गई। वन विभाग द्वारा दशहरा समिति को यह लकडिय़ा नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाती हैं।
Bastar Dussehra इस वर्ष बनने वाले आठ पहियों वाले दुमंजिला रथ निर्माण के लिए लगभग 54 घन मीटर लकड़ी की आवश्यकता होती है, लगभग 240 वृक्षों की कटाई का अनुमान है। बस्तर जिले के ग्राम बेड़ा उमरगांव और झार उमरगांव के परंपरागत-पारंगत रथ निर्माण के करीब डेढ़ सौ कारीगरों के जगदलपुर पहुंचने के बाद एक दो दिनों में रथ निर्माण की प्रकिया प्रारंभ हो जायेगी। आठ पहियों वाला रथ विजयादशमी तथा उसके दूसरे दिन चलाये जाने की परंपरा है।
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बस्तर टेंपल ईस्टेट कमेटी के सचिव तथा जगदलपुर तहसीलदार पुष्पराज पात्र ने बताया कि बस्तर दशहरा के लिए इस वर्ष आठ पहियों वाला रथ तैयार किया जाएगा। एक-दो दिनों में रथ बनाने वाले कारीगर पहुंच जाएंगे। उनके ठहरने के लिए सिरहासार भवन सुनिश्चित कर दिया गया है।