अब प्रति ट्रॉली 300 से 800 रुपए
राजकुमार मल
भाटापारा- 300 से 800 रुपए प्रति ट्रॉली। 100 रुपए की यह तेजी उस राख में है, जो पोहा प्रसंस्करण ईकाइयों से निकल रही है। बढ़ने की आशंका इसलिए व्यक्त की जा रही है क्योंकि ईंट भट्ठों की मांग ने जोर पकड़ा हुआ है।
निजी और सरकारी क्षेत्र में भवन निर्माण कार्यों में अब तेजी आ रही है। लिहाजा ईंट की मांग भट्ठों तक पहुंची हुई है। असर पोहा प्रसंस्करण इकाइयों पर भी देखा जा रहा है, जहां से निकली राख की खरीदी हाथों -हाथ हो रही है। ऐसे में राख की कीमत बढ़ते क्रम पर है।
गर्म है राख
बारिश के दिन गए। शीत ऋतु की दस्तक। ईंट भट्ठों में अब काम जून मध्य तक चलेगा। क्योंकि ईंट में चौतरफा मांग निकली हुई है। मिट्टी तो फिर से मिल जा रही है, बगैर कीमत दिए लेकिन राख के लिए ईट भट्ठा संचालकों को अब 300 से 800 रुपए प्रति ट्राली की दर पर राख की खरीदी करनी पड़ रही है। इसमें प्रति ट्रॉली राख की कीमत आगामी दिनों में 1000 रुपए तक जाने के आसार बनते नजर आ रहे हैं क्योंकि सीजन के दिन अभी चालू ही हुए हैं।
है भरपूर उपलब्धता लेकिन…
पोहा प्रसंस्करण ईकाइयों के निरंतर संचालन ने राख की भरपूर उपलब्धता सुनिश्चित करवाई हुई है लेकिन ईंट भट्ठा का संचालन कर रहे लोगों का मानना है कि जो कीमत फिलहाल बोली जा रही है वह खरीद क्षमता से कहीं ज्यादा है लेकिन अनिवार्य है राख की खरीदी, इसलिए यह दर स्वीकार की जा रही है। संकेत आगे भी ऐसी ही स्वीकार्यता के हैं।
सीजन दोनों का
बारिश की विदाई याने सूखे दिनों की शुरुआत। यह अगले जून मध्य तक देखा जाता रहेगा। एक तरफ जहां पोहा मिलों को बाजार बढ़ाने का अवसर मिलेगा, वहीं ईंट भट्ठों के लिए भी खुला मैदान मिलेगा विस्तार का क्योंकि शासकीय और निजी क्षेत्र में इस अवधि में निर्माण कार्य चरम पर होंगे। इसके अलावा बारिश के दिनों के लिए भंडारण भी करना है। ऐसे में राख में आई तेजी स्वीकार कर ली जा रही है।