बलरामपुर कलेक्टर ने 400 एकड़ को कराया कब्जा मुक्त, राजस्व अधिकारियों से मिलीभगत कर फर्जीवाड़ा
बलरामपुर। जिले में भू-माफिया ने फर्जी दस्तावेज बनाकर 680 एकड़ सरकारी जमीन को अपने नाम करा लिया। बताया जा रहा है कि ग्राम पंचायत महाबीरगंज के ही 8 लोगों ने राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों से सांठ-गांठ कर फर्जीवाड़ा किया है। मामला रामानुजगंज के महाविरगंज का है। जानकारी के मुताबिक महाबीरगंज में गांव के 680 एकड़ सरकारी जमीन पर ग्रामीणों ने 1954-55 से अवैध कब्जा जमाकर रखा था। पहले कलेक्टर के कार्यकाल में शिकायत हुई थी। 680 एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने अपर कलेक्टर को जांच अधिकारी नियुक्त किया।
जमीन का सीरियल नंबर मिसमैच मिला
इसके साथ ही कब्जेधारियों को नोटिस देने के साथ दस्तावेजों को खंगालने का काम शुरू हुआ। पूर्व अपर कलेक्टर पैकरा सेवानिवृत्त होने के बाद वर्तमान अपर कलेक्टर इद्रंजीत बर्मन के कंधे पर जांच का दायित्व आ गया। पड़ताल के दौरान जमीन का सीरियल नंबर मिसमैच मिला।
रिकॉर्ड में लिखावट अलग-अलग मिली
इसके अलावा दस्तावेजों में नाम-खसरा दर्ज करने में इस्तेमाल की गई स्याही का रंग अलग-अलग मिला। इसके साथ रिकॉर्ड में लिखावट अलग-अलग मिली। जांच अधिकारी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट बनाई, जिसके आधार पर अब जाकर कलेक्टर रिमिजियस एक्का के आदेश पर राजसात करने की कार्रवाई की गई है।
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400 एकड़ को कब्जा मुक्त करा लिया गया है
फिलहाल करीबन 400 एकड़ को ही कब्जा मुक्त कराकर सरकारी दस्तावेजों में फिर से दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में इसी तरह की कवायद शेष जमीन को लेकर भी की जाएगी।
प्रशासन की मजबूरी, किस-किस पटवारी को पकड़े
महाबीरगंज में अवैध कब्जे का खेल एक-दो दशक का नहीं बल्कि 1954-55 से खेला जा रहा था। जांच के दौरान जांच अधिकारी के सामने बात साफ हो गई कि इस पूरी गड़बड़ी में पटवारियों का बड़ा हाथ है, लेकिन प्रशासन की ऐसी मजबूरी है कि वह चाहकर भी पटवारियों को पकड़ नहीं सकता। बताया जा रहा है कि किस पटवारी ने यहां कलम फंसाया था, यह स्पष्ट नहीं हो रहा है। ऐसे में प्रशासन पटवारियों पर कार्रवाई करने में अक्षम है।
जिन कब्जाधारियों से खाली कराई गई जमीन
कलेक्टर रिमूजियूस एक्का के आदेश से जिन कब्जेधारियों के कब्जे से जमीन खाली गई है, उनमें इसहाक पिता नान्हू मिंया, सागर पिता ठूपा, खेलावन पिता घोवा, गुलाम नबी पिता जसमुद्दीन, मोइनुद्दीन पिता रहीम, चांद मोहम्मद पिता कलम मिंया, मंगरी पिता मोहम्मद अली और रसुलन पिता हुसैन मिंया शामिल हैं।