Government of Chhattisgarh जिले में के स्कूलों में शिक्षकों की कमी की समय दूर होने का नाम नही ली रही है
Government of Chhattisgarh सक्ती /छपोरा:- शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अनेकों प्रयास कर बेहिसाब राशियों की स्वीकृति जिले में दी जाती है और जिले के जिम्मेदार ,जिला अधिकारियों को अपने-अपने जिले में शिक्षा संबंधित होने वाली समस्याओं को तुरंत निराकरण कर शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने का निर्देश अधिकारियों को दिया जाता है। परन्तु आज भी जिले के अनेकों स्कूलों में शिक्षकों की कमी से सैंकडों छात्र-छात्रों को मजबूरन प्रायवेट स्कूलों में विषयों की पढ़ाई नही होने के कारण दाखिला लेना पड़ता है।
शिक्षकों के कमी से सक्ति जिले के दर्जनों शासकीय स्कूल में पढ़ाई का स्तर बेहद गंभीर परिस्थितियों से गुजरने लगा है। यही कारण है कि बीते वर्ष सक्ति जिले के अनेकों विकासखण्ड से विद्यलयों में शिक्षक की कमी को लेकर स्वयं छात्र-छात्रएँ सड़कों पर उतार आंदोनल नारेबाजी करने लगे थे व शिक्षा विभाग की किरकिरी कर पैदल चल विद्यार्थी विकासखण्ड मुख्यायल तक का घेराव कर चुके है विद्यालय में शिक्षकों की पूर्ति करने के लिए ऐसे स्थिति में उच्च शिक्षा अधिकारीयों के द्वारा एक स्कूल से कई स्कूल का भी प्रभार का पद व्यख्यातायों सौप दिया जाता है जिसके वजह से विद्यार्थियों को विषयों व पढ़ाई को लेकर समस्या होने लगती है।
स्कूल के विद्यार्थी शिक्षकों की कमी से है परेशान
मामला कुछ इस प्रकार है कि शा.उ.मा.वि.छपोरा के मुख्य विषय अंग्रेजी, गणित, भौतिक, इतिहास के व्याख्याता का स्थानांतरण से यह स्कूल शिक्षक की कमी से जूझ रहा है, विद्यार्थियों का भविष्य विद्यालय में शिक्षकों के ना होने से अंधकार मय है, कुछ दिन पूर्व प्राचार्य एवंजनप्रतिनिधि के द्वारा उच्चा शिक्षा अधिकारी से शिक्षक व्यवस्था की मांग किया गया था। लेकिन अभी तक शिक्षकों की व्यवस्था स्कूल में नहीं हो पाया बल्कि प्राचार्य को ही अन्यव व्यवस्था जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कर दिया गया, जबकि पहले से ही विद्यालय में शिक्षकों के ना होने के कारण सैकड़ो छात्र-छात्राओं को विषय शिक्षक के परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।अब स्कूल प्राचार्य भी विहीन होगये है जबकि प्राचार्य द्वारा गणित/ अंग्रेजी का अध्ययन कराया जाता है।
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यही नही प्राचार्य के प्रयास से स्कूल में गणित, भौतिक विषय शिक्षक का भी व्यवस्था किये थे ताकि विद्यालय में विद्यार्थियों की भविष्य और उनके पढ़ाई को लेकर किसी भी प्रकार के कोई समस्या ना खड़ी हो ऐसे में उन्ही प्राचार्य को हटा दिया गया है यह बड़ी चिंतनीय एवं विधि वुरुद्ध है। जिसको लेकर विद्यालय के छात्र-छात्राओं में रोष व्याप्त देखा जा रहा है। विद्यालय के छात्र-छात्रा और जनप्रतिनिधियों के द्वारा स्कूल प्राचार्य को अन्यव व्यवस्था न करने व छपोरा यथावत रखने के लिए उच्चाधिकारियों को आवेदन भी दिया गया है।