Chhattisgarh government’s ambitious plan : रोका- छेका अभियान फेल, सुबह से लेकर देर रात तक सड़कों पर लगा रहता है गायों और अन्य मवेशियों का जमावड़ा

Chhattisgarh government's ambitious plan :

भुवनेश्वर प्रसाद साहू

 

Chhattisgarh government’s ambitious plan : जिला प्रशासन के सख्त निर्देशों के बाबजूद
रोका- छेका अभियान का कड़ाई से नहीं हो रहा पालन।

 

 

Chhattisgarh government’s ambitious plan : कसडोल ! छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना रोका -छेका अभियान को शासन- प्रशासन के द्वारा कड़ाई से पालन करने के सख्त आदेश के बावजूद यह योजना फ्लाप साबित होता दिखाई दे रहा है।

हाल ही में जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी नम्रता जैन के द्वारा रोका -छेका अभियान का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया था । रोका -छेका अभियान में ढिलाई बरते जाने पर संबंधित ग्राम पंचायतो के सचिवों पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही गई है। फिर भी जिला पंचायत के जिम्मेदार अधिकारी के आदेश की अवहेलना , ग्राम पंचायतों के जिम्मेदार कर्मचारी कर रहे है ! जिसकी वजह से इन दिनों सुबह से देर रात तक सड़को में गायों व अन्य आवारा मवेशियों का जमावड़ा लगा हुआ स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।

ऐसा प्रतीत होता है कि संबंधित ग्राम पंचायतों के सचिवों को अपने उच्च अधिकारियों के द्वारा दिए गए निर्देश व आदेशों का पालन करने में कोई रूचि नहीं है। जिसके चलते ही आये दिन सड़कों में , गायों व अन्य मवेशियों के कारण ही सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ती ही जा रही है।

विदित हो कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कुछ महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की थी जिसमें नरवा , गरवा , घुरवा और बाड़ी योजना शामिल थी।

इस योजना के तहत गरवा यानी गायों के संरक्षण के लिए काम करने की योजना तैयार की गई थी ! सड़कों पर आवारा घूमती गायें दुर्घटना का शिकार न हो और वह खेतों में फसलों को नुकसान न पहुंचाए इसके लिए सरकार ने रोका- छेका अभियान शुरू किया था।

रोका -छेका अभियान के तहत सड़कों पर घूमने वाले आवारा पशुओं को पकड़कर गौठान में रखने और उनके खाने पीने की व्यवस्था की गई थी। योजना की शुरुआत में यह काम अच्छे से हुआ लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है यह योजना दम तोड़ती नजर आ रही है।
अब इस योजना के तहत न तो गायों को सड़कों से हटाया जा रहा है न ही उन्हें गौठानो में रखा जा रहा है !जो गायें गौठानो में हैं उनके खाने की व्यवस्था नहीं की जा रही है ! जिसके कारण अब गायें सड़कों पर झुंड के झुंड दिखाई देने लगी हैं। सड़कों पर दिखाई दे रही गायों की झुंड से स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ सरकार की यह महत्वकांक्षी योजना सिर्फ कागजों में ही सीमित रह गया है।

प्रदेश में भूपेश बघेल सरकार गौ सेवा के नाम पर करोड़ों रुपए फूंक कर गौठानों का निर्माण कर रही है। किंतु यदि धरातल पर देखा जाए तो गायें आज भी बुनियादी सुविधाओं को मोहताज , भूख प्यास और दाने दाने के लिए दर-दर भटकती छांव और साफ-सुथरी जमीन पर बैठने को तरसती ,अपनी जान गंवाने के लिए मजबूर हैं।

सरकार की महत्वाकांक्षी नरवा गरवा घुरुवा और बाड़ी योजनाओं में से एक गौठान योजना साढ़े चार साल बाद भी अपने पूर्णत्व को प्राप्त करने के लिए तरस रही है। पूरे प्रदेश में बनने के लिए गौठान बन चुके हैं , गौठान में गायों के पीने के लिए पानी टंकिया बनाई गई है किंतु उसमें पीने के लिए पानी नहीं है।

कुछ गौठानों में शेड बनाए गए हैं किंतु वह शेड भी गायों को तपती झुलसती दोपहर और बरसात के दिनों में छांव देने के लिए पर्याप्त नहीं है।
गायों को साफ- सुथरी जगह में बैठना पसंद होता है। लेकिन प्रदेशभर के गौठानों में गायों के बैठने के लिए पक्के फर्श का निर्माण आज तक नहीं किया गया है। जिसके कारण अधिकांश गौठानों में दलदल और गीली जमीन है। जहां गाय रुकना और बैठना पसंद नहीं करती।
यही कारण है कि पूरे प्रदेश की सड़कों में दिन और रातों को गायों का डेरा जमा रहता है।

नेशनल हाईवे हो या स्टेट हाईवे या फिर कोई गांव की सड़क, हर जगह सड़कों पर बैठी हुई गायें दिखाई देती हैं । किंतु सरकार गायों की मनोदशा समझे बिना सिर्फ वाहवाही लूटने का काम कर रही है। जबकि गायें आज भी सड़कों पर बैठ रही है।

सड़कों पर गायों के बैठने के कारण आए दिन पशु-धन दुर्घटना का शिकार होकर मौत के मुंह में समा रही हैं। एक ओर लगातार गायों की मृत्यु दर बढ़ रही है, दूसरी ओर सड़क दुर्घटनाएं भी गायों के कारण बढ़ रही हैं !
भूपेश बघेल की सरकार को इस पर धरातल पर उतर कर काम करने की जरूरत है पर सरकार वाहवाही लूटने के लिए अपनी योजनाओं का सिर्फ ढिंढोरा पीटते दिखाई दे रही है।

आखिर सड़क पर ही क्यों बैठते हैं गायें?

 

Government of Chhattisgarh : शिक्षकों की कमी से जूझ रहे है छपोरा हाई स्कूल के विद्यार्थी

 

गायों और अन्य मवेशियों को सड़क के बीचों-बीच या डिवाइडर पर बैठना पसंद है क्योंकि तेज रफ्तार वाहनों से मक्खियां और कीड़े इन मवेशियों के शरीर से दूर हो जाते है और मवेशियों को हर बार अपनी पूंछ को हिलाने की आवश्यकता नही पड़ती है। इसी वजह से गायें और अन्य मवेशियां सड़कों पर बैठती हैं !

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU