Chhattisgarh High Court : स्पेशल एजुकेटर टीचर ना होने के कारण बच्चों की पढ़ाई हो रही बाधित

Chhattisgarh High Court :

Chhattisgarh High Court : स्पेशल एजुकेटर टीचर ना होने के कारण बच्चों की पढ़ाई हो रही बाधित

Chhattisgarh High Court : बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के स्कूलों में स्पेशल एजुकेटरटीचर्स की भर्ती न होने के कारण स्पेशल बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। आरटीई एक्ट में प्रविधान है कि पहली से आठवीं तक 10 बच्चों के पीछे एक और नवमीं से 12 वीं तक हर 15 बच्चों के पीछे एक स्पेशल टीचर्स की भर्ती की जानी है। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने और छह सप्ताह मामले की सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं।

प्रदेश के स्कूलों में स्पेशल टीचर्स की भर्ती मामले में सुनवाई करते हुए आज हाई कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से इस संबंध में जैसे ही कोई आदेश आता है,तो इसकी जानकारी देते हुए याचिकाकर्ता दोबारा यहां आए, तब मामले में सुनवाई की जाएगी। गुरुवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट से संबंधित आदेश आने पर उसे मेंशन करने को कहा। जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य शासन ने हाई कोर्ट को जानकारी दी थी कि सुप्रीम कोर्ट में यह मामला लंबित है।

डिविजन बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने की बात कही और अगली सुनवाई के लिए छह सप्ताह बाद की तिथि तय कर दी है। आरसीआइ ट्रेंड टीचर्स एसोसिएशन ने अधिवक्ता पलाश तिवारी के माध्यम से जनहित याचिका दायर कर कहा कि छत्तीसगढ़ की स्कूलों में राज्य सरकार स्पेशल एडुकेटर नियुक्त नहीं कर रही है। 60 हजार से ज्यादा विशेष ज़रूरतों वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रदेश में 2021 तक सिर्फ़ 888 विशेष शिक्षक ही थे। जबकि छत्तीसगढ़ में सरकारी आंकड़ों के हिसाब से वर्तमान में दो हजार से ज्यादा शिक्षकों की जरुरत है। हाई कोर्ट में इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान अधिवक्ता तिवारी ने बताया था कि,यही मामला सुप्रीम कोर्ट दायर किया गया है। था। इसमें जस्टिस रजनीश पाण्डेय ने सभी राज्य सरकारों को स्कूलों में स्पेशल एडुकेटर नियुक्त करने का निर्देश जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से इस संबंध में कंप्लायंस रिपोर्ट भी मंगाई थी।

Related News

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के दो साल बाद भी कुछ नहीं हुआ

Lord Shri Krishna : कभी शांतिदूत तो कभी क्रांतिदूत, यही भगवान की पहचान….आइये जानें

Chhattisgarh High Court :  याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने डिवीजन बेंच को बताया कि याचिका की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दो साल पहले देशभर के राज्य सरकारों को स्पेशल एडुकेटर टीचर्स रखने के निर्देश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आजतलक राज्य सरकार द्वारा स्पेशल टीचर्स की भर्ती नहीं की गई है। स्पेशल टीचर्स ना होने के कारण स्पेशल बच्चों की पढ़ाई भी नहीं हो पा रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद केंद्र सरकार ने आरटीई एक्ट में बदलाव करते हुए बात का उल्लेख है किया है कि स्पेशल बच्चों की पढ़ाई के लिए राज्य सरकारें स्कूलों में स्पेशल टीचर्स की भर्ती करेंगी।

Related News