रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य बनने के बाद से साल 2023 तक कंप्यूटर शिक्षा पर लगभग 800 करोड़ रुपए खर्च किए, लेकिन न तो बच्चे कंप्यूटर सीख पाए और न ही स्मार्ट क्लास का पूरा लाभ उठा पाए। हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में बच्चों को केवल बेसिक जानकारी देने के उद्देश्य से कई कार्यक्रम चलाए गए, जबकि बच्चों की मार्कशीट में भी इसका कोई उल्लेख नहीं है।
चार प्रमुख योजनाएं और खर्च
- 2001 – इंदिरा सूचना शक्ति: 300 से अधिक गर्ल्स हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों में लागू, निजी कंपनी को प्रति छात्रा 52 रुपए के हिसाब से करीब 4 करोड़ खर्च।
- 2005 – छग सूचना शक्ति: 400 स्कूलों में लागू, प्रत्येक स्कूल में 10 कंप्यूटर और एक शिक्षक, लगभग 300 करोड़ खर्च।
- 2011 – छग सूचना शक्ति-2: प्रोफेशनल कोर्स के रूप में 553 स्कूलों में, लगभग 450 करोड़ खर्च।
- 2023 – स्मार्ट क्लास: 3,500 से अधिक स्कूलों में 60 करोड़ खर्च, लैपटॉप और प्रोजेक्टर के माध्यम से डिजिटल शिक्षा देने का प्रयास, लेकिन पढ़ाई सामग्री अपलोड नहीं की गई।
नई योजना: 9,000 स्मार्ट क्लास और 22,000 कंप्यूटर
स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने बताया कि अब राज्य के स्कूलों में 9,000 स्मार्ट क्लास और 22,000 कंप्यूटर लगाए जाएंगे। यह कदम विशेष रूप से ग्रामीण और वनांचल अनुसूचित क्षेत्रों के विद्यार्थियों के लिए फायदेमंद होगा।
स्मार्ट क्लास के माध्यम से विद्यार्थी डिजिटल कंटेंट, ई-लर्निंग मॉड्यूल, वीडियो लेक्चर और इंटरैक्टिव पढ़ाई का अनुभव प्राप्त करेंगे। 22,000 कंप्यूटर की उपलब्धता से बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा, इंटरनेट से जुड़ाव और डिजिटल स्किल्स विकसित करने का अवसर मिलेगा।
प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मदद
गजेंद्र यादव ने कहा कि स्मार्ट क्लास और कंप्यूटर विद्यार्थियों को जेईई, नीट और अन्य राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं की तैयारी में मदद करेंगे। ऑनलाइन टेस्ट, प्रश्नपत्र और अध्ययन सामग्री आसानी से उपलब्ध होगी।
यह पहल राज्य को डिजिटल एजुकेशन के क्षेत्र में नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास है और बच्चों को समान अवसर प्रदान करेगी।