70 वर्षीय हरि सिंह बदायूं एक ऐसे व्यक्ति हैं जो चुनावों में निरंतर उतरते हैं और इसे अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य मानते हैं। उन्होंने पेशे से सरकारी कर्मचारी के रूप में काम किया है, लेकिन सामाजिक परिवर्तन लाने की इच्छा उन्हें राजनीति में उतरने के लिए प्रेरित करती थी।
हरि सिंह ने महात्मा गांधी को अपना आदर्श मानकर राजनीति में कदम रखा और उनके आदर्शों के अनुसार चलने का प्रयास किया। वे आठ बार विधानसभा और एक बार लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार रह चुके हैं। उन्होंने पहला चुनाव 1989 में लोकदल (व) से लड़ा था और तब से अभी तक लगातार चुनाव लड़ते रहे हैं।
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हरि सिंह चुनाव को एक पर्व के रूप में मानते हैं और अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं। वे चुनाव में उतरने के लिए परिश्रम करते हैं, चप्पल पहनते हैं, सिर पर गांधी टोपी धारण करते हैं और सफेद धोती-कुर्ता पहनते हैं।
हालांकि, हरि सिंह का इस बार का नामांकन जांच में सही नहीं पाया गया, और उनका पर्चा रद्द कर दिया गया। इसके बावजूद, उन्होंने कहा कि पहले जनता ईमानदार कैंडिडेट को देखती थी, लेकिन अब लोगों को बस पैसा ही चाहिए।