छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) में हुए 650 करोड़ रुपये के घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई की। दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर में एक साथ छापेमारी की गई। दुर्ग में मोक्षित कार्पोरेशन के संचालक शांतिलाल चोपड़ा, उनके बेटे और डायरेक्टर शशांक चोपड़ा समेत अन्य से सुबह 6 बजे से 10 घंटे तक पूछताछ चली। टीम को दस्तावेज़, इलेक्ट्रॉनिक सबूत, नकदी और जेवर मिले।

मोक्षित कार्पोरेशन स्वास्थ्य विभाग को मशीन, किट और दवाएं सप्लाई करती थी। EOW की जांच में सामने आया कि उपकरण खरीद में 650 करोड़ का घोटाला हुआ, जिसमें 250 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग भी शामिल है। EOW ने पहले ही शशांक चोपड़ा और स्वास्थ्य विभाग के 4 अधिकारियों को गिरफ्तार किया था।
बड़े अफसर अब तक सुरक्षित
जांच के घेरे में आईएएस भीम सिंह, चंद्रकांत वर्मा, प्रियंका शुक्ला समेत आधा दर्जन अधिकारी हैं, लेकिन कार्रवाई अब तक निचले स्तर तक सीमित है। आरोप है कि पिछली सरकार में हुए इस घोटाले के बावजूद नई सरकार ने भी मोक्षित को 30 करोड़ का भुगतान किया और चुनाव से पहले करोड़ों के टेंडर जारी किए।
कंपनी ने मशीनें सप्लाई कीं, भुगतान भी मिला, लेकिन इंस्टॉल नहीं किया गया। ED और EOW अब 2019 से 2023 के बीच की सभी खरीद-फरोख्त की जांच कर रही हैं।