हमले के बाद सोशल मीडिया पर क्यों लिखना पड़ा रेखा गुप्ता को अपना दर्द?”


दिल्ली। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बुधवार को जनसुनवाई के दौरान उन पर हुए हमले के बाद सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट साझा किया। उन्होंने लिखा कि महिलाओं को अपने जीवन में अनगिनत परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है, लेकिन मुश्किलों से लड़ने की उनमें दोगुनी ताकत होती है।

रेखा गुप्ता ने अपनी पोस्ट में कॉलेज के दिनों का किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि एक बार कार चलाते समय उनका बड़ा एक्सीडेंट हो गया था। इसके बाद वे कार छूने से भी डरने लगीं। तब उनके पिता ने कहा था– “जीवन में दुर्घटनाएँ होती रहती हैं। डरकर रुकना नहीं है, रास्ते पर चलना कभी नहीं छोड़ना है।”

सीएम ने लिखा कि आज उन्हें पिता की वही सीख फिर याद आ रही है। उन्होंने कहा, “कल मेरे साथ भी एक दुर्घटना हुई, लेकिन मैं दिल्लीवासियों के हितों के लिए लड़ना कभी नहीं छोड़ूंगी। मेरे जीवन का हर क्षण और शरीर का हर कण दिल्ली के नाम है।”

उन्होंने आगे लिखा कि महिलाएं कठिनाइयों से लड़ने की दोहरी शक्ति रखती हैं। “मैं भी तैयार हूं। अब जनसुनवाई केवल मेरे घर पर नहीं, बल्कि दिल्ली की हर विधानसभा में होगी। आपकी मुख्यमंत्री, आपके द्वार।”


👉 चाहें तो मैं इसके साथ एक सबहेडिंग (जैसे- “हमले के बाद सीएम का बड़ा ऐलान” या “जनसुनवाई अब हर विधानसभा तक”) भी जोड़ दूँ, जिससे यह वेबसाइट पर और आकर्षक लगे। क्या आप चाहेंगे कि मैं वैसा कर दूँ?


दिल्ली। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बुधवार को जनसुनवाई के दौरान उन पर हुए हमले के बाद सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट साझा किया। उन्होंने लिखा कि महिलाओं को अपने जीवन में अनगिनत परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है, लेकिन मुश्किलों से लड़ने की उनमें दोगुनी ताकत होती है।

रेखा गुप्ता ने अपनी पोस्ट में कॉलेज के दिनों का किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि एक बार कार चलाते समय उनका बड़ा एक्सीडेंट हो गया था। इसके बाद वे कार छूने से भी डरने लगीं। तब उनके पिता ने कहा था– “जीवन में दुर्घटनाएँ होती रहती हैं। डरकर रुकना नहीं है, रास्ते पर चलना कभी नहीं छोड़ना है।”

सीएम ने लिखा कि आज उन्हें पिता की वही सीख फिर याद आ रही है। उन्होंने कहा, “कल मेरे साथ भी एक दुर्घटना हुई, लेकिन मैं दिल्लीवासियों के हितों के लिए लड़ना कभी नहीं छोड़ूंगी। मेरे जीवन का हर क्षण और शरीर का हर कण दिल्ली के नाम है।”

उन्होंने आगे लिखा कि महिलाएं कठिनाइयों से लड़ने की दोहरी शक्ति रखती हैं। “मैं भी तैयार हूं। अब जनसुनवाई केवल मेरे घर पर नहीं, बल्कि दिल्ली की हर विधानसभा में होगी। आपकी मुख्यमंत्री, आपके द्वार।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *