पखांजूर, छत्तीसगढ़। उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हुए दर्दनाक सड़क हादसे के बाद छत्तीसगढ़ के 44 श्रद्धालु सकुशल घर लौट आए हैं। मंगलवार देर रात विशेष बस से श्रद्धालु पखांजूर पहुँचे, जहाँ क्षेत्रीय विधायक और छत्तीसगढ़ सरकार की तत्परता से उन्हें राहत और सुरक्षा के साथ घर तक पहुँचाया गया। उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ प्रशासन के समन्वय से पहले घायलों व श्रद्धालुओं को अंबिकापुर लाया गया और फिर पखांजूर पहुंचाया गया।

श्रद्धालुओं के लौटने पर नगर पंचायत और भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। भोजन और रुकने की व्यवस्था की गई। परिजनों ने अपने प्रियजनों को सकुशल देखकर राहत की सांस ली और सरकार का धन्यवाद दिया।
हादसे का विवरण
यह दुर्घटना 15 सितंबर को जौनपुर में हुई थी। श्रद्धालुओं से भरी एसी बस (CG 07 CT 4681) ट्रेलर से टकरा गई। इसमें पखांजूर क्षेत्र की तीन महिलाओं—आशा भवाल (30), रेखा बानिक और गुलाव देवी (32)—सहित बस चालक दीपक की मौके पर ही मौत हो गई। नौ श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हुए थे।

यात्रा का उद्देश्य
श्रद्धालु 7 सितंबर को पखांजूर से अयोध्या रामलला और वाराणसी बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए निकले थे। बस में कुल 50 यात्री थे। जत्था अमरकंटक, मैहर देवी, चित्रकूट और वृंदावन होते हुए काशी जा रहा था।
हादसे का कारण
जौनपुर एसपी डॉ. कौस्तुभ के अनुसार, बस ट्रेलर को ओवरटेक करने की कोशिश में चालक का नियंत्रण बिगड़ गया, जिससे बस ट्रेलर से भिड़ गई और आगे बैठे यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई।
प्रत्यक्षदर्शी की कहानी
बस में सवार दिलीप दास ने बताया कि हादसा रात करीब 3 बजे हुआ। टक्कर इतनी जोरदार थी कि ड्राइवर केबिन में दब गया और यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। घायलों को अस्पताल ले जाया गया और हाईवे पर घंटों जाम लगा रहा।
यह हादसा न केवल श्रद्धालुओं की यात्रा को प्रभावित करने वाला था, बल्कि प्रशासन की तत्परता से संकट की घड़ी में मदद कर मानवीय संवेदनाओं का भी परिचय दिया। परिजन और क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली।