कौशिक ने अफसरों के खिलाफ ईओडब्ल्यू-एसीबी जांच की जानकारी मांगी
कार्यवाही 27 फरवरी तक स्थगित
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन जहरीली शराब, भ्रष्टाचार, बिजली कटौती के मुद्दे गूंजे। जहरीली शराब पर विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए वॉकआउट भी किया। फिलहाल महाशिवरात्रि के चलते कार्यवाही 27 फरवरी तक स्थगित की गई है।
लोफंदी गांव में जहरीली शराब पीने से 9 लोगों की मौत हुई थी। इसका मुद्दा नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने ध्यानाकर्षण के जरिए ये मुद्दा उठाया। इससे पहले प्रश्नकाल में धरमलाल कौशिक ने राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के खिलाफ ्रईओडब्ल्यू-एसीबी जांच की जानकारी मांगी। उन्होंने पूछा कि कितनी जांच लंबित हैं और सरकार ने अब तक क्या कार्रवाई की है।
जवाब में सीएम साय ने कहा कि, हमारी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। कोई भी दोषी अधिकारी नहीं बख्शे जाएंगे। हमने सुशासन और अभिसरण विभाग का गठन किया है।
बिजली कटौती, लो वोल्टेज से किसान परेशान- भूपेश
वहीं शून्यकाल में भूपेश बघेल ने स्थगन प्रस्ताव लाकर बिजली कटौती के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की। पूर्व सीएम ने कहा कि बिजली कटौती, लो वोल्टेज और पेयजल की परेशानी है। किसान सिंचाई के लिए परेशान हैं, इस पर काम रोक कर चर्चा कराई जाए।
मनमोहन सिंह के रूप में देश ने हीरा खो दिया : साय
इससे पहले कार्यवाही शुरू होते ही सदन में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन पर शोक जताया गया। स्पीकर रमन सिंह बोले- उनकी भरपाई नहीं हो सकती। वहीं सीएम साय ने कहा कि देश ने हीरा खो दिया है। उन्होंने रिजर्व बैंक में गवर्नर, वित्तमंत्री और प्रधानमंत्री पद के साथ सार्वजनिक जीवन में भी कई अहम जिम्मेदारियां निभाई।
पूर्व सीएम भूपेश बघेल बोले-मनमोहन सिंह 10 साल प्रधानमंत्री रहे। इस दौरान उन्होंने समर्थन मूल्य 450 से 900 रु. प्रति क्विंटल धान खरीदी की शुरुआत की। इससे किसानों की स्थिति में सुधार हुआ। उन्होंने मनरेगा की भी शुरुआत की। इसके बाद सदन में 2 मिनट के मौन के बाद कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित की गई थी।