नेपाल में 8-9 सितंबर को हुए जेन-जेड प्रदर्शनों के दौरान देश की विभिन्न जेलों से 13,591 कैदी फरार हो गए। इनमें से 8,816 कैदी अभी भी लापता हैं, जिससे देश में सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा हो गई है। जेल प्रशासन के अनुसार, इन कैदियों ने प्रदर्शन की अराजकता का फायदा उठाकर जेल की दीवारें फांदकर या फाटक तोड़कर भागने में सफलता पाई।
27 जेलों और 9 बाल सुधार गृहों से भागे कैदी
जेल प्रशासन के मुताबिक, 27 जेलों और 9 बाल सुधार गृहों से कुल 13,591 कैदी फरार हुए। इनमें 964 विचाराधीन बाल कैदी भी शामिल हैं। प्रभावित जेलों में झुमका, सोलुखुम्बू, सप्तरी, महोत्तरी, रौतहट, सिंधुली, नक्खु, जगन्नाथदेवल, डिल्ली बाजार, रसुवा, चितवन, तनहुँ, कास्की, पर्वत, कपिलवस्तु, तुलसीपुर, नौबस्ती, रुकुम पूर्व, जुमला, बझांग, कैलाली, दार्चुला, बैतडी, डडेलधुरा और कंचनपुर शामिल हैं। इसके अलावा, मोरंग, पर्सा, भक्तपुर, मकवानपुर, कास्की, रूपंदेही, जयाडौं, नौबस्ता और डोटी के बाल सुधार गृहों से भी कैदी भागे।
कितने कैदी लौटे या पकड़े गए?
जेल प्रशासन के महानिदेशक चोमेन्द्र न्यौपाने ने बताया कि 29,212 कैदियों में से 13,591 भागे थे, जिनमें से 5,495 कैदी और 244 बाल कैदी या तो स्वयं लौट आए या फिर से पकड़ लिए गए। शेष 8,816 भगोड़े कैदियों का पता लगाने के लिए पुलिस और प्रशासन सक्रिय है। सीमा क्षेत्रों में भी अलर्ट जारी किया गया है।
जेल प्रशासन की चुनौतियां
इस सामूहिक जेलब्रेक ने नेपाल के जेल प्रबंधन की कमियों को उजागर किया है। जेन-जेड प्रदर्शन के दौरान उत्पन्न अराजकता का फायदा उठाकर इतनी बड़ी संख्या में कैदियों का भागना सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाता है। न्यौपाने ने कहा कि प्रशासन फरार कैदियों को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।