प्रधान संपादक सुभाष मिश्र की कलम से -राष्ट्रीय झंडे की शान बरकरार रहे

प्रधान संपादक सुभाष मिश्र की कलम से -राष्ट्रीय झंडे की शान बरकरार रहे

इधर घर घर तिरंगा फहराया जा रहा है । ये अच्छी बात है कि प्रत्येक नागरिक के मन में देश के प्रति और देश का प्रतिनिधित्व करने वाले राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान का भाव रहे । हमारी आज़ादी का यह अमृत महोत्सव है । हमारी आज़ादी फले फूले और किसी दुष्यंत कुमार जैसे शायर को यह कहने की ज़रूरत नहीं पड़े –
कहाँ तो तय था चिरांगा हर एक घर के लिए
कहाँ चिराग़ मयस्सर नहीं शहर के लिए
यहाँ दरख़्तों के साये में धूप होती है
चलो यहाँ से चले उम्र भर के लिए ।
जितने विधि विधान से हम ईश्वर की मूर्ति की स्थापना करते हैं उतने ही विधि विधान से उसका विसर्जन करते हैं ।ये अलग बात है की अब गणेश का विसर्जन हो या देवी की मूर्तियों का सबके जुलूस थोड़े अराजक होने लगे हैं । हम ईश्वर की कथा पूजा के साथ अपनी ग़लतियों की क्षमा मांगते हुए ये श्लोक भी दोहराते हैं ।

आवाहनं न जानामि न जानामि तवार्चनम।
पूजां चैव नं जानामि क्षम्यतां परमेश्वरि ।
मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वरि ।
यत्पूजितं नया देवी परिपूर्ण तदस्तु में ।

ईश्वर की पूजा के लिए अलग-अलग विधि विधान बने हुए हैं । पूजा कराने वाले पंडितजी आचार्य हैं जो दान दक्षिणा लेकर पूजा सम्पन्न करवाते हैं ।
निदा फ़ाज़ली का एक दोहा है ।
सबकी पूजा अलग-अलग है , अलग अलग है रीत
मस्जिद जाये मौलवी कोयल गाये गीत ।
जिस तरह पूजा अर्चना के लिए विधि विधान हैं वैसे ही विधि विधान , संहिता हमारे देश के तिरंगे झंडे के लिए जिसे हम राष्ट्रध्वज भी कहते हैं उसके लिए भी है । हर कोई नेता , देश का सैनिक राष्ट्रध्वज में लिपटकर अपनी अंतिम यात्रा का स्वप्न संजोता है । तिरंगा हमारी आन बान शान का प्रतीक है । इस 15 अगस्त को सरकार के आव्हान पर हर घर तिरंगा अभियान के अन्तर्गत झंडा फहराया जायेगा आव्हान । अब यहाँ ये सवाल भी लाज़मी है की 15 अगस्त के बाद इन 20 करोड़ या इससे भी ज़्यादा बन चुके झंडों का क्या होगा, क्या वे किन्हीं छतों या अटारियों या खंभों पर लहराते फीके पड़ते और मौसम के हिसाब से फटते चले जाएंगे या फिर इन्हें सम्मान के साथ उतारकर संभालकर रखा जाएगा? या इनके लिए कोई और आयोजन होगा? आसान देशभक्ति के इस ज्वार में इस सवाल का जवाब कौन देगा?
जिस तरह की राष्ट्र भक्ति की भावना हममें 15अगस्त , 26 जनवरी को संचारित करने की कोशिशों होती है वैसी राष्ट्र भक्ति हममें बाक़ी दिनों में क्यों दिखाई नहीं देती ?जिस संविधान को हमने देश के लिए अंगीकार किया है , उस संविधान की आत्मा को मारकर हम कौन सी देशभक्ति का परिचय देते हैं । हमारा संविधान एक नागरिक होने के नाते हमें जो मौलिक अधिकार देता है क्या हम उन अधिकारों का संरक्षण पा रहे हैं ? आज जिस तरह संवैधानिक संस्थाओं की विश्वसनीयता , कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठ रहे हैं वे क्या हमें एक नागरिक के रूप में विचलित नहीं करते ?

घर -घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत सरकार की योजना है कि भारत के हर घर पर तिरंगा लहराए, इसके लिए सरकार ने 20 करोड़ घरों का लक्ष्य तय किया है, सरकार की अपील है कि 13 से 15 अगस्त के बीच जनभागीदारी से 20 करोड़ से ज्यादा घरों पर तिरंगा फहराया जाए, इसमें सरकारी व निजी प्रतिष्ठान भी शामिल होंगे। इसके लिए केन्द्र सरकार ने तीन तरह के झंडों के उत्पादन की व्यवस्था की है, ये डाकघरों में उपलब्ध होंगे और लोग तिरंगे की ऑनलाइन भी उपलब्धता सुनिश्चित की गई है ।
यह अभियान स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में शुरू किया गया है, यह अभियान नागरिकों के दिलों में देशभक्ति की भावना पैदा करने के साथ ही राष्ट्रीय ध्वज के प्रति जागरूकता बढ़ाने का काम भी करेगा, हर भारतवसी को अपने घर में तिरंगा फहराने के लिए अधिक से अधिक प्रोत्साहित करना है।जो कि जिस तरह हमारे धार्मिक अनुष्ठान के लिए नियम तय हैं वैसे ही नियम
राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग को लेकर भी हैं । धार्मिक नियमों की अवहेलना पर ईश्वर दंड देगा या नहीं यह मिथकीय कथाओं तक सीमित हैं किन्तु राष्ट्र ध्वज की अवमानना पर कड़े दंड के प्रावधान हैं ।

देश में राष्ट्रीय ध्वज को फहराने से जुड़े कुछ नियम हैं, यदि इन नियमों के अनुसार तिरंगा नही फहराया जाता है तो आप पर कड़ी कार्रवाई भी हो सकती है, इसके लिए भारत सरकार द्वारा फ्लैग कोड 2002 तैयार किया गया है, यह राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग प्रदर्षनी और फहराने से जुड़ी गाइडलाइन बताता है, इसे 26 जनवरी 2002 को लागू किया गया था। हलाकि हर घर तिरंगा अभियान को देखते हुए इस कोड में कुछ बदलाव भी किये गए हैं।

जरूर रखें इन 7 बातों का ध्यान
1. झंडे का प्रयोग व्यावसायिक उद्देष्य के लिए नही किया जाएगा ।
2. किसी व्यक्ति या वस्तु को सलामी देने के लिए झंडे को नही झुकाया जायेगा ।
3. झंडे का प्रयोग किसी वदी या पोषाक के रूप में नही किया जाएगा. झंडे को रूमाल, तकियों या किसी अन्य ड्रेस पर नही छापा जा सकता है,
4. झंडे का प्रयोग किसी भवन में पर्दा लगाने के लिए नही किया जाएगा ।
5. किसी भी प्रकार का विज्ञापन /अधिसूचना/ अभिलेख ध्वज पर नही जाना चाहिए।
6. झंडे को वाहन, रेलगाड़ी, नाव, वायुयान की छत इत्यादि को ढकने के काम में इस्तेमाल नही किया जायेगा।
7. किसी दूसरे झंडे को भारतीय झंडे के बराबर ऊंचाई या उससे ऊपर नही फहराया जाना चाहिए

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