World Hemophilia Day Today 2023 : विश्व हीमोफीलिया दिवस आज, जानिए इतिहास और महत्त्व
World Hemophilia Day Today 2023 : नई दिल्ली : हर साल 17 अप्रैल को विश्व हीमोफीलिया दिवस मनाया जाता है। 17 अप्रैल को वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफिलिया के संस्थापक फ्रैंक श्नाबेल का जन्म हुआ था।
World Hemophilia Day Today 2023 : इसलिए हीमोफिलिया और संबंधित रक्तस्राव विकारों के लिए विश्वव्यापी जागरूकता के लिए यह दिवस मनाया जाता है।
कोरोनावायरस महामारी के कारण, इस साल विश्व हीमोफीलिया दिवस से संबंधित सभी कार्यक्रम वर्चुअल तरीके से आयोजित किए गए थे।
विश्व हीमोफिलिया दिवस 2023 की थीम वर्ल्ड हीमोफिलिया फेडरेशन द्वारा जारी की गई है।
इस वर्ष की थीम “सभी के लिए पहुंच: देखभाल के वैश्विक मानक के रूप में रक्तस्राव की रोकथाम” है। इस थीम के पीछे का विचार स्थानीय नीति निर्माताओं और सरकारों को उपचार और देखभाल तक बेहतर पहुंच के लिए प्रोत्साहित करना है, जिसमें
रक्तस्राव विकारों (PWBD) वाले सभी व्यक्तियों के लिए बेहतर नियंत्रण और रक्तस्राव की रोकथाम पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
हीमोफीलिया रोग में रक्त के थक्के बनने की क्षमता गंभीर रूप से कम हो जाती है। इस कारण हीमोफीलिया से पीड़ित व्यक्ति को मामूली चोट में भी बहुत अधिक खून बहने
लगता है। हीमोफीलिया रोग आमतौर पर जीन में उत्परिवर्तन या परिवर्तन के कारण होता है, जो ‘रक्त का थक्का’ बनाने के लिए आवश्यक क्लॉटिंग फैक्टर प्रोटीन बनाने के लिए निर्देश प्रदान करता है।
जीन में इस तरह का परिवर्तन या उत्परिवर्तन क्लॉटिंग प्रोटीन को ठीक से कार्य करने से रोक सकता है। ये जीन X गुणसूत्र पर स्थित होते हैं। महिलाओं की तुलना में पुरुष
हीमोफीलिया रोग के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। इसके पीछे की वजह बच्चे के लिंग निर्धारण करने के तरीके में शामिल आनुवंशिकी है। हालांकि हीमोफीलिय रोग एक
बेहद दुर्लभ किस्म की बीमारी है। करीब 10,000 लोगों में से 1 व्यक्ति इसस रोग से प्रभावित होता है।
हीमोफीलिया रोग सामान्यतौर पर दो प्रकार का होता है, हीमोफीलिया A और हीमोफीलिया B। इसमें से हीमोफीलिया B इसका सामान्य प्रकार है। इसमें रोगी के रक्त में थक्के
बनने के लिए आवश्यक ‘फैक्टर 8’ की कमी हो जाती है। वहीं हीमोफीलिया B कम सामान्य रोग है। इसमे थक्के बनने के लिए आवश्यक फैक्टर-9 की कमी हो जाती है।
बता दें कि हीमोफीलिया A, करीब 5,000 में से एक व्यक्ति में होता है, वहीं हीमोफीलिया B करीब 20,000 में से 1 व्यक्ति को होता है।
पहला विश्व हीमोफिलिया दिवस 1989 में वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफिलिया (WFH) द्वारा स्थापित किया गया था। हीमोफिलिया और अन्य रक्तस्राव विकारों के बारे में
जागरूकता बढ़ाने के लिए 17 अप्रैल का दिन निर्धारित किया गया था। यह तिथि फ्रैंक श्नाबेल के सम्मान में चुनी गई थी, जिनका जन्म 17 अप्रैल, 1941 को हुआ था, और
उन्होंने रक्तस्राव विकारों वाले व्यक्तियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था। विश्व हीमोफिलिया दिवस फ्रैंक श्नाबेल के जीवन और विरासत को भी याद करता है।