women reservation bill : महिला आरक्षण बिल से देश की दिशा तय करेगा नए संसद भवन का पहला कानून : शारदा गुप्ता

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women reservation bill : नारी शक्ति वंदन अधिनियम “देश की मातृ शक्ति को मोदी सरकार का नमन

women reservation bill :  कोरिया।  वर्तमान कालखंड देश के समस्त नागरिकों के लिए अत्यंत गौरवपूर्ण समय है । जहां एक ओर भारत की गरिमानुरूप एवं भविष्य की जरूरत के अनुसार भव्य निर्माण कार्य पूर्ण हुआ । देश की संसद जिसे लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है उसके नवीन भवन का लोकार्पण अत्यंत पावन दिवस गणेश चतुर्थी के दिन किया गया । वहीं दूसरी तरफ कई सालों से ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ बाट जोह रहा एक महत्वपूर्ण बिल जो देश की आधी आबादी को उसका नेतृत्व प्रदान करता है। ऐसा महिला आरक्षण बिल दोनो सदनों में पास हो गया ।

इस अवसर पर भाजपा लोकसभा(कोरबा) सोशल मीडिया संयोजक शारदा प्रसाद गुप्ता ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि यह क्षण बहुत ही ऐतिहासिक है। मोदी जी ने नई संसद भवन की पहली कार्रवाई में ही विशेष सत्र का आयोजन कर सबसे पहला बिल महिला आरक्षण हेतु पारित कराकर यह जता दिया है नए भारत के निर्माण में महिलाओं की भूमिका कैसी होने वाली वाली है। देश के सशक्तिकरण में नारी सशक्तिकरण का कितना योगदान होने वाला है यह पूरे विश्व को पता चल गया है ।

women reservation bill : ऐसा पहली बार नही है कि के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश में महिलाओं की सामाजिक दशा को सुधारने के साथ-साथ उन्हें यथायोग्य प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया हो । इससे पहले चाहे वह तीन तलाक का मामला हो , जहां परंपरा एवं रूढ़ि के नाम पर नरक जैसे जीवन से हमारी बहनों को आजादी दिलाने के लिए प्रधानमंत्री जी ने तीन तलाक कानून को पास कराया । चाहे वह हर घर शौचालय योजना के माध्यम से महिलाओं को अपमानजनक स्थितियों एवं संक्रामक बीमारियों से मुक्ति दिलाने का प्रयास हो ।

चाहे वह उज्जवला गैस योजना के माध्यम से महिलाओं को का जीवन सुगम बनाने की बात हो अथवा सुकन्या समृद्धि योजना के माध्यम से बालिकाओं का भविष्य सुरक्षित करना हो । बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के माध्यम से बालिकाओं को के जीवन स्तर में सुधार करते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की ओर प्रेरित करना हो अथवा मातृ वंदना योजना के माध्यम से गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित एवं स्वस्थ प्रसव की चिंता करना हो । हर दिशा में प्रधानमंत्री जी ने और भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने महिलाओं को समाज का प्रमुख आधार माना है और उसी मंशानुरूप कार्य किया है।

women reservation bill : किंतु अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि विपक्ष के जिन लोगों ने आजादी के बाद इतने वर्षों तक महिलाओं के प्रतिनिधित्व को उचित स्थान देने में कोताही बरती हो , हीला हवाली किया हो , ऐसे लोग आज देश के यशस्वी प्रधानमंत्री जी की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं । वह भी तब जबकि राज्यसभा एवं लोकसभा की कार्रवाई में यह बिल लगभग पूरे सांसदों के समर्थन से पास हुआ है ।

मेरा प्रश्न ऐसे नेताओं से है आप सदन के बाहर इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं , तो संसद के भीतर बल के समर्थन में वोट क्यों किया । आज क्या मजबूरी है कि विपक्षी गठबंधन के लोग ” नारी शक्ति वंदन अधिनियम” को छलावा बता रहे हैं। और तो और ऐसी ओछी मानसिकता के लोग इस अधीनियम के नाम पर भी आपत्ति जाता रहे हैं । क्या भारत देश की सांस्कृतिक विरासत अथवा हमारी परंपरा हमें मातृ शक्ति की वंदना करना नहीं सिखाती ।

लेकिन ये बात उन्हे कैसे पता होगी जो आजतक महिलाओं को सदन में उनकी भागीदारी सुनिश्चित नही कर सके। क्या नारी सिर्फ अपमान की भागीदार है, नारी शक्ति की वंदना नहीं की जानी चाहिए । ये बड़े प्रश्न हैं जो विपक्ष के अंग्रेजीदाँ नेताओं से पूछा जाना चाहिए। कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में देश को गुमराह करते हुए कह रहे हैं कि इस बिल को लागू होने में 7 से 10 वर्ष का समय लग जाएगा, जो कि सत्य नहीं है, 2026 के परिसीमन के बाद यह तुरंत लागू होगा । फिर भी यदि राहुल जी के कथनानुसार मान लिया जाए , अगर यह काम उनकी सरकार ने अगर पूर्व में अपनी सरकारों के समय ही कर दिया होता तो महिलाओं को उनका यथायोग्य सम्मान संसद में प्रतिनिधि के रूप में मिल जाता । जो उन्होंने कभी किया नहीं ।

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किसी भी कार्य को करने के लिए पहला कदम उठाना पड़ता है जो संसद में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के नेतृत्व में उठाया जा चुका है । हमने पूर्व में भी देखा था किस प्रकार से नवीन संसद भवन के निर्माण कार्य एवं औचित्य पर प्रश्न उठाकर देश को गुमराह करने का प्रयत्न घमंडिया गठबंधन के लोग करते रहें हैं । किन्तु वर्तमान एन डी ए सरकार भारत के समेकित विकास हेतु संकल्पित है । यह समस्त देशवासियों को भरोसा पैदा करती है कि संवैधानिक दायरे के भीतर कम से कम समय में यह बिल लागू होने में लगेगा , उसे पूरा करने के लिए भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व प्रतिबद्ध है ।

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